टिहरी: जिला उद्योग केंद्र ढालवाला के तत्कालीन अधिकारी कर्ण सिंह को एक लाख की रिश्वत देने के आरोप में विशेष न्यायाधीश सतर्कता अधिष्ठान देहरादून ने पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. रिश्वत का ये मामला साल 2012 का है.
साल 2015 में 15 अक्टूबर को महेश गुप्ता ने विजिलेंस केंद्र देहरादून को एक शिकायती पत्र दिया कि उन्होंने जनपद के शिवपुरी क्षेत्र में एक रिसॉर्ट बनाया है. स्वीकृत केंद्रीय सब्सिडी के भुगतान कराए जाने के एवज में जिला उद्योग केंद्र ढालवाला के तत्कालीन प्रबंधक कर्ण सिंह हलधर ने सवा चार लाख रुपए की मांग की, जिसमें से एक लाख रुपए लेकर महेश गुप्ता 15 अक्टूबर 2012 को अपने कार्यालय में बुलाया है.
विजिलेंस ने जांच में आरोप सही पाए जाने पर नियमानुसार ट्रैप टीम का गठन किया. टीम ने कार्रवाई करते हुए 16 अक्टूबर 2012 आरोपी कर्ण सिंह हलधर शिकायतकर्ता महेश गुप्ता से जिला उद्योग केंद्र ढालवाला के पास एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
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इस मामले में कर्ण सिंह हलधर के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया. केस की विवेचना तत्कालीन निरीक्षक आरसी कोटनाला ने की. जिन्होंने मामले की विवेचना करने के बाद 10 दिसंबर 2012 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. लोक अभियोजन अधिकारी अनुज साहनी एवं पैरोकार प्रधान आरक्षी सुरेंद्र सिंह की ओर से कोर्ट प्रभावी पैरवी करने के के बाद आज सोमवार को विशेष न्यायाधीश सतर्कता अधिष्ठान देहरादून ने कर्ण सिंह हलधर दोषी करार देते हुए पांच साल की जेल और 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया है.