देवप्रयाग: टिहरी की देवप्रयाग विधानसभा में भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. देवप्रयाग में बड़ा जनाधार रखने वाले भाजपा के बड़े नेता और 2007 में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ने वाले मगन सिंह बिष्ट ने अपना समर्थन यूकेडी के संस्थापक नेता रहे दिवाकर भट्ट को दे दिया है. मगन बिष्ट को 2007 में साढ़े 6 हजार वोट पड़े थे जबकि यूकेडी से विजयी रहे दिवाकर भट्ट को पड़ने वाले वोटों की संख्या 11,595 रही थी. इसी के साथ दिवाकर भट्ट प्रदेश में पहली बार मंत्री बने थे.
वहीं, 2017 के विधानसभा सभा चुनाव में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़े विनोद कंडारी को 13,824 वोट मिले थे. जबकि दिवाकर भट्ट को 10,325 वोट मिले थे. दिवाकर भट्ट दूसरे नंबर पर रहे और 3499 वोट से विनोद कंडारी ने अपनी जीत दर्ज की. पिछले चुनाव में भी इस सीट पर जीत का बड़ा अंतर नहीं था.
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2022 के चुनाव से पहले हुए इस उलटफेर के बाद विधानसभा सीट की स्थिति बदल गई है. मगन सिंह बिष्ट का दिवाकर भट्ट को समर्थन मिलने के बाद विधानसभा सीट में दिवाकर भट्ट की स्थिति मजबूत हुई है तो दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी विनोद कंडारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं, भाजपा के पूर्व नेता मगन सिंह बिष्ट का कहना है कि उनका समर्थन स्थानीय व्यक्ति को मिला है. उन्होंने पार्टी से कहा था कि देवप्रयाग से स्थानीय व्यक्ति को टिकट दिया जाए पार्टी ने बाहरी व्यक्ति को टिकट देकर अपनी हार लिख दी है.
वहीं, दिवाकर भट्ट का कहना है कि देवप्रयाग विधानसभा सीट में यूकेडी की जीत तय है. मगन सिंह बिष्ट के समर्थन के बाद उनका एक बड़ा जनाधार उनके साथ खड़ा होगा और भाजपा-कांग्रेस की हार होगी. उत्तराखंड में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान है. चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित होगा.