टिहरी: नए साल में टिहरी झील में नाव का संचालन बंद होने से बांध प्रभावित क्षेत्र में आवागमन करने में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में आवागमन की कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने के चलते ग्रामीण अपने घरों में ही कैद हो गए हैं. वहीं, सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों, मरीजों और गर्भवती महिलाओं को हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मामले में प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है, बावजूद इसके अभीतक तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है.
वहीं, बोट संचालित न होने से मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि झील के बोट का संचालन बंद होने से लोगों का आवागमन प्रभावित हो गया है, जिससे उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बांध प्रभावितों ने बताया कि पुनर्वास निदेशालय द्वारा ग्रामीणों की परेशानियों को देखते हुए करार के आधार पर नौताड़, नकोट, डोबरा, रौलाकोट और चांठी जैसे स्थानों पर वाटर बोट का प्रबंध किया गया था. लेकिन बोट संचालकों ने इसका नये साल से इसे बंद कर रखा है.
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इस मामले में प्रभारी जिलाधिकारी अभिषेक रोहिल्ला का कहना है कि टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों से इस संबंध में वार्ता की गई है. बांध प्रभावितों की समस्याओं को देखते हुए जल्द ही नाव का संचालन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा.