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धनौ के गांवों में गहराया पेयजल संकट, लोगों ने लगाई मदद की गुहार

धनोल्टी के स्याली और गोरण गांव में पिछले कुछ दिनों से पेयजल संकट बना हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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पानी की किल्लत
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Published : Jun 14, 2020, 8:14 AM IST

धनौल्टी: जौनपुर के स्यालसी और गोरण गांव के लोग वर्तमान में पेय जल संकट से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मामले की गुहार कई बार जल निगम के अधिकरियों से लगा चुके हैं. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरेश चौहान ने बताया कि गांव में करीब 8 किलोमीटर लंबी पानी की पाइप लाइन डाली गई थी, जो कि वर्तमान में जगह-जगह से जर्जर हो गई है. उन्होंने बताया कि इन दिनों हर साल पानी की किल्लत हो जाती है. ऐसे में स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. राज्य सरकार, प्रशासन और जलसंस्थान को कई बार अवगत कराया जा चुका है. लेकिन उचित व्यवस्था नहीं की जाती. हालांकि, वैकल्पिक व्यवस्था होती भी है, तो लोगों की लंबी लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. प्रशासन ने अभी तक पानी के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई है, जिससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: खुलासाः खेतों से मक्का तोड़ा तो कर दी हत्या, दो आरोपी गिरफ्तार

वहीं, जल निगम के अवर अभियंता अरविंद सजवाण का कहना है कि पाइप लाइन बहुत ही पुरानी हो चुकी है. इसकी वजह से क्षेत्र में पानी की किल्लत हो रही है. गर्मी में इस समस्या को देखते हुए निजी कनेक्शनों को बंद कर सार्वजनिक स्टैंड पोस्टों से जलापूर्ति की जाती थी. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए वो भी नहीं हो सका. इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था. तो अब इसे "जल जीवन मिशन" के तहत पेयजल लाइन का निर्माण करवाना प्रस्तावित है. अगर क्षेत्र में पानी किल्लत ज्यादा होती है, तो पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर की व्यवस्था करवा दी जाएगी.

धनौल्टी: जौनपुर के स्यालसी और गोरण गांव के लोग वर्तमान में पेय जल संकट से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मामले की गुहार कई बार जल निगम के अधिकरियों से लगा चुके हैं. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरेश चौहान ने बताया कि गांव में करीब 8 किलोमीटर लंबी पानी की पाइप लाइन डाली गई थी, जो कि वर्तमान में जगह-जगह से जर्जर हो गई है. उन्होंने बताया कि इन दिनों हर साल पानी की किल्लत हो जाती है. ऐसे में स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. राज्य सरकार, प्रशासन और जलसंस्थान को कई बार अवगत कराया जा चुका है. लेकिन उचित व्यवस्था नहीं की जाती. हालांकि, वैकल्पिक व्यवस्था होती भी है, तो लोगों की लंबी लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. प्रशासन ने अभी तक पानी के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई है, जिससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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वहीं, जल निगम के अवर अभियंता अरविंद सजवाण का कहना है कि पाइप लाइन बहुत ही पुरानी हो चुकी है. इसकी वजह से क्षेत्र में पानी की किल्लत हो रही है. गर्मी में इस समस्या को देखते हुए निजी कनेक्शनों को बंद कर सार्वजनिक स्टैंड पोस्टों से जलापूर्ति की जाती थी. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए वो भी नहीं हो सका. इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था. तो अब इसे "जल जीवन मिशन" के तहत पेयजल लाइन का निर्माण करवाना प्रस्तावित है. अगर क्षेत्र में पानी किल्लत ज्यादा होती है, तो पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर की व्यवस्था करवा दी जाएगी.

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