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जल्द शुरू होगी बहुप्रतिक्षित डोबरा-चांठी पुल पर आवाजाही, अब लोगों ने उठाई ये मांग

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Published : Mar 3, 2020, 5:14 PM IST

डोबरा चांठी पुल का फायदा टिहरी ही नहीं उत्तरकाशी के लोगों को भी होगा. ये डबल लेन पुल है, जिसकी लंबाई 440 मीटर है. भारत में 440 मीटर लंबाई वाला ये पहला डबल लेन पुल है.

डोबरा-चांठी पुल
डोबरा-चांठी पुल

टिहरी: प्रतापनगर की लाइफ लाइन कहे जाने वाला डोबरा चांठी पुल जल्द ही खुलने वाला है. प्रतापनगर की जनता 14 साल से इस पुल का इंतजार कर रही थी. ये पुल 2005 में बनना शुरू हुआ था. जिसका निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है. हालांकि जनता ने जिला प्रशासन से दोनों तरफ की रैलिंग पर जाली लगाने की मांग की है, ताकि यहां भविष्य में कोई हादसा न हो.

बहुप्रतिक्षित डोबरा-चांठी पुल.

स्थानीय लोगों ने पुल को देखते हुए कहा कि पुल बेहद आकर्षक है. लेकिन पुल के दोनों तरफ फुटपाथ पर लगी रेल पर जाली न लगाए जाने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. क्योंकि रेलिंग के बीच में थोड़ी दूरी है. ऐसे में कोई भी आदमी या बच्चा झील में गिर सकता है. इसलिए जिला प्रशासन और सरकार से अनुरोध है कि वह इस बेहद आकर्षक पुल की रेलिंग पर सुरक्षा को देखते हुए जाली अवश्य लगवाए, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो.

पढ़ें- धनौल्टी: जर्जर भवन से सांसत में फंसी बच्चों की जान, कैसे मिलेगा आखर ज्ञान

लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेंद्र सिंह ने कहा कि पुल का काम अंतिम चरण में है. थोड़ा बहुत काम जो बचा है, उसे जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा. 31 मार्च 2020 तक फुल का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा.

पुल का निर्माण कर रहे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पुल को 31 मार्च 2020 तक प्रतापनगर की जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. इसी के साथ पुल पर वाहनों की आवाजाही भी शुरू कर दी जाएगी.

पढ़ें- रुड़की: साइकिल सवार को तेज रफ्तार ट्रक ने रौंदा, दर्दनाक मौत

बता दें कि, 440 मीटर लंबा डोबरा चांठी पुल भारत का सबसे लम्बा मोटरेवल सिंगल लेन झूला पुल है. आईआईटी समेत कई अन्य संस्थाओं के असफल हो जाने के बाद कोरियन कंपनी से इसकी डिजायनिंग कराई गई. पुल निर्माण पर 275 करोड़ खर्च हो चुके हैं. पुल पर आवाजाही शुरू हो जाने से प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले के एक हिस्से के लोगों को फायदा होगा और टिहरी जिला मुख्यालय से दूरी 30 से 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी.

टिहरी: प्रतापनगर की लाइफ लाइन कहे जाने वाला डोबरा चांठी पुल जल्द ही खुलने वाला है. प्रतापनगर की जनता 14 साल से इस पुल का इंतजार कर रही थी. ये पुल 2005 में बनना शुरू हुआ था. जिसका निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है. हालांकि जनता ने जिला प्रशासन से दोनों तरफ की रैलिंग पर जाली लगाने की मांग की है, ताकि यहां भविष्य में कोई हादसा न हो.

बहुप्रतिक्षित डोबरा-चांठी पुल.

स्थानीय लोगों ने पुल को देखते हुए कहा कि पुल बेहद आकर्षक है. लेकिन पुल के दोनों तरफ फुटपाथ पर लगी रेल पर जाली न लगाए जाने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. क्योंकि रेलिंग के बीच में थोड़ी दूरी है. ऐसे में कोई भी आदमी या बच्चा झील में गिर सकता है. इसलिए जिला प्रशासन और सरकार से अनुरोध है कि वह इस बेहद आकर्षक पुल की रेलिंग पर सुरक्षा को देखते हुए जाली अवश्य लगवाए, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो.

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लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेंद्र सिंह ने कहा कि पुल का काम अंतिम चरण में है. थोड़ा बहुत काम जो बचा है, उसे जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा. 31 मार्च 2020 तक फुल का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा.

पुल का निर्माण कर रहे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पुल को 31 मार्च 2020 तक प्रतापनगर की जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. इसी के साथ पुल पर वाहनों की आवाजाही भी शुरू कर दी जाएगी.

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बता दें कि, 440 मीटर लंबा डोबरा चांठी पुल भारत का सबसे लम्बा मोटरेवल सिंगल लेन झूला पुल है. आईआईटी समेत कई अन्य संस्थाओं के असफल हो जाने के बाद कोरियन कंपनी से इसकी डिजायनिंग कराई गई. पुल निर्माण पर 275 करोड़ खर्च हो चुके हैं. पुल पर आवाजाही शुरू हो जाने से प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले के एक हिस्से के लोगों को फायदा होगा और टिहरी जिला मुख्यालय से दूरी 30 से 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी.

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