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मार्च 2020 तक तैयार हो जाएगा डोबरा चांठी पुल, तेजी से चल रहा काम

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Published : Aug 29, 2019, 10:32 AM IST

इस पुल का निर्माण 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन अबतक उसे पूरा नहीं किया गया है. अब डोबरा चांठी पुल का कार्य तेज हो गया है. उम्मीद है कि इसे सितम्बर महीने के अंत तक जोड़ दिया जाएगा.

अंतिम चरण में डोबरा चांठी पुल का कार्य

टिहरी: टिहरी झील के ऊपर बन रहे डोबरा चांठी पुल का कार्य अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च 2020 तक यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे प्रतापनगर की जनता को आवागमन की समस्या से काफी निजात मिलेगी.

पिछले कई सालों से टिहरी झील के ऊपर बन रहा डोबरा चांठी पुल का कार्य तेजी से चल रहा है. जिसे सितम्बर महीने के अंत तक जोड़ दिया जाएगा. इस पुल के लिए प्रतापनगर की जनता ने रौलाकोट के भोमेश्वर महादेव मंदिर में एक महीने से अधिक तक भूख हड़ताल भी की थी. उस समय के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने जनता की मांग पर 133 करोड़ की लागत से पुल बनाने की स्वीकृति दी थी.

अंतिम चरण में डोबरा चांठी पुल का कार्य

पढे़ं- उत्तरकाशी आपदाः 'मौत' के चुंगल से कैसे बच निकले थे राजेंद्र चौहान, सुनिए आपबीती...

इसके बाद इस पुल का निर्माण 2006 में शुरू हुआ, लेकिन 2010 में इस पुल का डिजाइन फेल होने के कारण इसे बंद कर दिया गया. इस दौरान पुल के निर्माण में 35 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके थे. जिसके बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा 2016 में दक्षिण कोरिया की योसिन कंपनी से नया डिजाइन बनवाने के बाद निर्माण कार्य शुरू करवाया गया.

उत्तराखंड सरकार द्वारा इस पुल को बनाने के लिए 75 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई, जिससे पुल के कार्य में तेजी आई. इस पुल की लंबाई 440 मीटर है, इस समय पुल का काम तेजी से चल रहा है. पुल के डेक यानी प्लेट जोड़ने का काम अंतिम चरण में आ गया है. इस पुल के बनने से प्रतापनगर सहित कई गांवों की जनता को राहत मिलेगी. वहीं प्रतापनगर विधायक विजय सिंह पंवार का कहना है कि पुल के काम में तेजी आई है. जल्द ही मार्च 2020 तक यह पुल जनता के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा.

टिहरी: टिहरी झील के ऊपर बन रहे डोबरा चांठी पुल का कार्य अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च 2020 तक यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे प्रतापनगर की जनता को आवागमन की समस्या से काफी निजात मिलेगी.

पिछले कई सालों से टिहरी झील के ऊपर बन रहा डोबरा चांठी पुल का कार्य तेजी से चल रहा है. जिसे सितम्बर महीने के अंत तक जोड़ दिया जाएगा. इस पुल के लिए प्रतापनगर की जनता ने रौलाकोट के भोमेश्वर महादेव मंदिर में एक महीने से अधिक तक भूख हड़ताल भी की थी. उस समय के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने जनता की मांग पर 133 करोड़ की लागत से पुल बनाने की स्वीकृति दी थी.

अंतिम चरण में डोबरा चांठी पुल का कार्य

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इसके बाद इस पुल का निर्माण 2006 में शुरू हुआ, लेकिन 2010 में इस पुल का डिजाइन फेल होने के कारण इसे बंद कर दिया गया. इस दौरान पुल के निर्माण में 35 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके थे. जिसके बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा 2016 में दक्षिण कोरिया की योसिन कंपनी से नया डिजाइन बनवाने के बाद निर्माण कार्य शुरू करवाया गया.

उत्तराखंड सरकार द्वारा इस पुल को बनाने के लिए 75 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई, जिससे पुल के कार्य में तेजी आई. इस पुल की लंबाई 440 मीटर है, इस समय पुल का काम तेजी से चल रहा है. पुल के डेक यानी प्लेट जोड़ने का काम अंतिम चरण में आ गया है. इस पुल के बनने से प्रतापनगर सहित कई गांवों की जनता को राहत मिलेगी. वहीं प्रतापनगर विधायक विजय सिंह पंवार का कहना है कि पुल के काम में तेजी आई है. जल्द ही मार्च 2020 तक यह पुल जनता के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा.

Intro:एक्सक्लूसिव हम आपको दिख रहे है टिहरी झील के ऊपर बन रहे डोबरा चांठी पुल को कैसे जोड़ा जा रहा है और अब कितना जोड़ने के लिए बचा है डोबरा चांठी पुल को जोड़ने का कार्य पहुँचा अंतिम चरण में,मार्च 2020 तक बन के हो जाएगा तैयार,प्रतापनगर की जनता को मिलेगी आवागमन की समस्या से निजात


Body:टिहरी झील के ऊपर बन रहा है डोबरा चांठी पुल के कार्य तेजी से चल रहा है,अब डोबरा चांठी पुल सितम्बर महीने के अंत महीने तक जुड़ जाएगा, टिहरी झील बनने के बाद प्रतापनगर आने जाने के लिए प्रतापनगर की जनता के समस्या उठानी पड़ी जिसको लेकर प्रतापनगर की जनता ने रौलाकोट के भोमेश्वर महादेव मंदिर में एक महीने से अधिक दिनों तक भूख हड़ताल की,उस समय की मुख्यमंत्री स्व नारायण दत्त तिवारी ने जनता की माग पर 133 करोड़ की लागत से पुल बनाने की स्वीकृति दी ओर इस पुल का निर्माण 2006 में शुरू हुआ उसके बाद 2010 में इस पुल का डिजाइन फैल होने के कारण बन्द कर दिया गया ,2006 से लेकर 2010 तक 35 करोड़ खर्च हो गए थे उसके बाद लोक निर्माण विभाग के द्वारा 2016 में दक्षिण कोरिया की योसिन कंपनी ने नया डिजाइन बनाने के बाद किया गया,


Conclusion:उत्तराखंड सरकार ने इन पुल को बनाने के लिए 75 करोड की लागत की धनराशि अवमुक्त की ओर पुल के काम की तेजी आई इस पुल की लंबाई 440 मीटर है इस समय पुल के काम तेजी से चल रहा है पुल के डेक यानी प्लेट जोड़ने का काम अंतिम चरण में आ गया है और इसको जोड़ने की दूरी बहुत कम हो गई है इससे प्रतापनगर की जनता ने राहत की सांस ले रहे है कि अब उनकी जल्दी ही इस पुल से आवागमन शुरू हो जाएगा जिससे जनता आसानी से कम दूरी तय करके अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे वही प्रतापनगर विधायक विजय सिंह पंवार ने कह की पुल के काम में तेजी आई है और जल्दी ही मार्च 2020 तक यह पुल जनता के आवागमन के लिए समर्पित किया जायेगा बाइट य स यादव डारेक्टर डोबरा चांठी पुल
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