टिहरी: उत्तराखंड के टिहरी में गांव वापसी संवाद कार्यक्रम को शुरुआत हो रही है. जिससे पलायन रोकने का संदेश पीएम मोदी तक पहुंचाकर गांवों को बचाया जा सके. टिहरी जिले में प्रतापनगर के हेरवाल गांव में गांव वापसी पर तीन दिवसीय संवाद का आयोजन किया जायेगा. इसमें पलायन और गांव वापसी को लेकर चिंतन में विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोग शामिल होंगे. संवाद में क्षेत्र के प्रमुख प्रवासियों को भी शामिल किया जायेगा. संवाद में सामने आने वाले बिंदुओं को केंद्र और राज्य सरकार के सामने रखकर समाधान की मांग की जायेगी.
खाली होते गांवों पर चिंतन: सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पहाड़ों के खाली होते गांवों को लेकर चिंतन के रूप में यह संवाद हेरवाल गांव में 10, 11 व 12 मार्च को आयोजित किया जायेगा. तीन दिन तक चलने वाले इस संवाद को बारह सत्रों में आयोजित किया जायेगा. इसमें 60 से अधिक प्रमुख वक्ताओं को बुलाकर संवाद को स्थानीय लोगों के साथ आयोजित किया जायेगा.
घर वापसी पर संवाद: रावत ने बताया कि खाली होते गांवों के आने वाले समय में प्रभाव के साथ ही कैसे इन गांवों की ओर प्रवासियों की वापसी की जाये, कैसे गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली और पानी जैसी सुविधाओं को आगे बढ़ाया जाये, ताकि लोग अपने घरों में ही रहें. पलायन न करें और प्रवासी अपने घरों की ओर वापसी के लिए तैयार हों. संवाद के उद्घाटन सत्र में गंगोत्री धाम के मुख्य पुजारी सुरेश सेमवाल, महंत काशी विश्वनाथ मंदिर अजय पुरी, पुजारी सेम नागराजा मंदिर लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, ज्वाल्पा ज्योतिष केंद्र के भाष्करानंद अंथवाल, भागवताचार्य प्रदीप कोठारी और सेम नागराजा उपासक ऋषिराम उनियाल उपस्थित होंगे.
ये लोग होंगे मुख्य वक्ता: प्रथम सत्र पलायन निवारण विषय पर उत्तराखंड ग्राम्य विकास और पलायन निवारण आयोग से डॉक्टर एसएस नेगी, मजदूर संघ के भगवती प्रसाद, पूर्व सैनिक सुनील बहुखंडी, श्री चंद्र कैंतुरा प्रवासी गिरीश पंत, हर्षमणी नौटियाल और प्राध्यापक रमेश सिंह चौहान विचार रखेंगे. दूसरे सत्र में राजनीति पर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी, स्वराज विद्वान, भजराम पंवार, संजय नेगी, राकेश राणा, राजेश नौटियाल, मोहित जोशी, डा भान सिंह नेगी, योगेश कुमार, संजीव चौहान, शिव प्रसाद सेमवाल वक्ता होंगे.
तृतीय सत्र संस्कृति में भवानी प्रताप सिंह, महावीर रंवाल्टा, प्रो डीआर पुरोहित, सुरेश चंद्र बलूनी, अजय बिष्ट, रेशमा शाह, शिवजनी, डॉ प्रकाश चंद और कुलदीप रावत अपने विचार रखेंगे. चतुर्थ सत्र साहित्य और आध्यात्मिक में सुरेश सेमवाल, अजय पुरी, पीपी राणा, कुसुम रावत, मनोज इष्टवाल, डा धीरेंद्र रांगड़, भाष्करानंद अंथवाल, आचार्य विपिन जोशी, डा पवन शर्मा, प्राची रतूड़ी के विचार होंगे.
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पंचम सत्र आपदा प्रबंधन में अजय गैरोला, जाय हुकिल, डॉ अनिल नौटियाल, जीसी नौटियाल, प्रेम सिंह, नरेंद्र रतूड़ी, प्रदीप कुमार, डॉ प्रेम सिंह पोखरियाल, हेमलता और मनोज अग्रवाल का संबोधन होगा. षष्टम सत्र कृषि और अर्थ व्यवस्था में सुभाष चंद्र गहतोड़ी, प्रेम चंद शर्मा, रूप सिंह रावत, नीरज, जयेंद्र सिंह राणा, जगमोहन राणा, अंकित भंडारी, भगवती प्रसाद, खुशी राम डबराल, मंगल लाल डबराल और पूरन सिंह बिष्ट, अमोल वशिष्ठ, डॉ शौकीन तरफदार, डॉ राजेंद्र कुकसाल, डॉ एसपी सती, डॉ अरविंद विजल्वाण, दिव्या, रघुवीर, दिनेश पाल, विजयेश्वर डंगवाल, सुनील दत्त कोठारी आदि शामिल होंगे.