धनौल्टीः क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर जौनपुर विकासखंड के नैनबाग क्षेत्र के क्षेत्रवासियों का साप्ताहिक धरना-प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी रहा.
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि नैनबाग क्षेत्र भौगोलिक परिस्थिति से टिहरी जनपद का दूरस्थ क्षेत्र है. यहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का टोटा बना हुआ है. इस कारण यहां के लोगों का पलायन जारी है. यहां अस्पताल हैं, लेकिन पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं. इस कारण अल्ट्रासाउंड एक्सरे जैसी तकनीकी मशीनें जंक खा रही हैं और सरकारी धन खर्च होने के बाद भी लोग इलाज के लिए देहरादून जाने को मजबूर हैं. वही हाल महाविद्यालय का भी है. ग्रामीण परिवेश में रहने वाले गरीब छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए महाविद्यालय में पर्याप्त विषय नहीं हैं, जिस कारण आर्थिक रूप से गरीब छात्र उच्च शिक्षा से वंचित रहने को मजबूर हो जाते हैं.
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वहीं, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष महेश तोमर का कहना है कि इन समस्याओं को लेकर क्षेत्र के ग्रामीण कई बार सरकार, शासन-प्रशासन से पत्राचार कर चुके हैं और समय-समय पर अपने दौरे पर पहुंचे माननीयों को भी अवगत करवा चुके हैं, लेकिन आज तक ग्रामीणों को आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिल पाया. जिस कारण क्षेत्र के ग्रामीणों को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ा. अगर फिर भी इस पर कोई सकारात्मक हल नहीं निकलता, तो क्षेत्र की जनता मुख्य बाजार नैनबाग में दिल्ली-यमनोत्री हाइवे पर चक्काजाम करने को मजबूर होगी.
ग्रामीणों की पांच सूत्रीय मांगें-
1. नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नैनबाग का उच्चीकरण
2. महाविद्यालय नैनबाग में M.A, BSc, B.Com पाठ्यक्रम की स्वीकृति
3. नैनबाग (जौनपुर) में केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति
4. मसोन-काण्डी-द्वारगढ़ (MKD) मोटर मार्ग का डामरीकरण
5. नैनबाग के मुख्य बाजार में वाहन पार्किंग का निर्माण
बता दें कि नैनबाग क्षेत्र भौगोलिक परिस्थिति से टिहरी जनपद का दूरस्थ क्षेत्र है. जहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का टोटा बना हुआ है. जिसके कारण अपने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.