टिहरीः जिले के लंबगांव अस्पताल में मोबाइल की लाइट में गर्भवती की डिलीवरी कराई गई. मामले के तहत अस्पताल में लाइट नहीं थी. अस्पताल में जनरेटर की सुविधा तो है लेकिन घटना के वक्त उसमें तेल नहीं था. फिलहाल अस्पताल प्रशासन के मुताबिक जच्चा-बच्चा दोनों ठीक हैं.
सोमवार दोपहर प्रतापनगर की पड़िया गांव की 26 साल की गर्भवती सोनिका को प्रसव पीड़ा हुई. परिजनों ने गांव वालों की मदद से महिला को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चौण्ड लंबगांव अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान अस्पताल में लाइट नहीं थी. दूसरी तरफ गर्भवती प्रसव पीड़ा से कराह रही थी. जिसके बाद अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने मोबाइल की लाइट में महिला की डिलीवरी कराई. अस्पताल प्रशासन के मुताबिक जच्चा-बच्चा दोनों ठीक हैं.
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वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चौण्ड लंबगांव के डॉक्टर आकाशदीप का कहना है कि अस्पताल में जनरेटर तो है, लेकिन उसमें तेल नहीं है. तेल हम इसलिए नहीं ला सकते क्योंकि हमें अधिकार नहीं है. डॉक्टर आकाशदीप का कहना है कि हमने कई बार अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा कुलभूषण व जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी नई टिहरी को समस्या के बारे में अवगत कराया है. वहीं, जानकारी में पता चला है कि लंबगांव स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई है. 40 किमी दूर प्रतापनगर अस्पताल के प्रभारी को ही लंबगांव स्वास्थ्य केंद्र का प्रभार दिया गया है.
स्वास्थ्य केंद्र का स्टाफः प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चौण्ड लंबगांव में 15 कमरे हैं, जिसमें 5 डॉक्टर, 5 स्टाफ नर्स, 2 फार्मासिस्ट, 2 वार्ड ब्वाय, 3 ड्राइवर, 3 सफाई कर्मी, 3 एंबुलेंस, 1 चपरासी, 1 बीईओ, 1 जनरेटर है. स्वास्थ्य केंद्र में हमेशा सुविधाओं का टोटा बना रहता है.