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मिन्नतों के बाद दुबई से लाया गया उत्तराखंड के बेटे का शव, हाय री किस्मत...फिर वापस भेजा गया - रोशन रतूड़ी दुबई

टिहरी जिले के एक युवक की मौत दुबई में होने के बाद उसके शव को लॉकडाउन के बीच किसी तरह गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया था लेकिन एयरपोर्ट प्रशासन ने शव परिजनों को नहीं सौंपा बल्कि वापस दुबई भेज दिया.

Tehri
मिन्नतों के बाद दुबई से लाया गया बेटे का शव
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Published : Apr 24, 2020, 10:33 AM IST

Updated : Apr 25, 2020, 5:32 PM IST

टिहरी: कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए भारत में जो लॉकडाउन लागू किया गया है उसकी वजह से कई लोगों को भारी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में अपनी तरह का एक अलग मामला सामने आया है उत्तराखंड के टिहरी जिले से. सकलाना पट्टी निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को अबु धाबी में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. तमाम कोशिशों के बाद शव भारत भी लाया गया लेकिन दोबारा वापस भेज दिया गया है. कमलेश दुबई के एक होटल में काम करता था.

मृतक के परिजन मायूस.

दरअसल, सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. तब से कमलेश भट्ट के परिजन डेड बॉडी भारत लाने की मांग कर रहे थे.

dead body of tehri youth
दुबई से लाया गया था कमलेश का शव.

दुबई में रह रहे सामजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी के प्रयासों से 23 अप्रैल की रात आबूधाबी एयरपोर्ट से एक कार्गो विमान 3 शवों को लेकर दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के बगल में कार्गो टर्मिनल गेट नंबर 6 पर उतरा. इनमें कमलेश की डेड बॉडी भी थी.

dead body of tehri youth
मृतक कमलेश का पासपोर्ट.

भारतीय एंबेसी द्वारा रात 10 बजे एक आदेश निकाला गया कि बाहर से आने वाली जितनी भी डेड बॉडी हैं उनको रिसीव न किया जाए. इसके चलते कमलेश भट्ट का शव परिजनों को नहीं मिल सका. इस वजह से कमलेश की डेड बॉडी सहित तीनों शव वापस दुबई आबूधाबी एयरपोर्ट के लिए विमान से वापस लौटा दिये गए. इसके बाद कमलेश के परिजनों को निराश होकर सुबह 5 बजे वापस उत्तराखंड के लिए लौटना पड़ा. परिजनों ने राज्य और केंद्र सरकार से कमलेश का शव भारत वापस लाने की मांग की है.

पढ़ें- कोरोना ट्रैकर: कोरोना मरीजों की संख्या 47, देश में अब तक 686 मौतें

बात दें कि जौनपुर ब्लॉक के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट यूएई के अबू धाबी में होटल में नौकरी करता था. तीन साल से वो वहां नौकरी कर रहा था. बीते 16 अप्रैल को उसकी तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई. समाजसेवी रोशन रतूड़ी ने कमलेश के परिजनों को इस हादसे की सूचना दी. कमलेश की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है.

dead body of tehri youth
रोते-बिलखते कमलेश के परिजन.

टिहरी निवासी कमलेश भट्ट का परिवार बेहद गरीब है. उसके परिजन उत्तराखंड सरकार से लॉकडाउन के दौरान पास बनवाकर डेड बॉडी लेने दिल्ली गए थे. एक साल पहले कमलेश अपनी बहन की शादी में अपने घर आया था.

टिहरी: कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए भारत में जो लॉकडाउन लागू किया गया है उसकी वजह से कई लोगों को भारी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में अपनी तरह का एक अलग मामला सामने आया है उत्तराखंड के टिहरी जिले से. सकलाना पट्टी निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को अबु धाबी में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. तमाम कोशिशों के बाद शव भारत भी लाया गया लेकिन दोबारा वापस भेज दिया गया है. कमलेश दुबई के एक होटल में काम करता था.

मृतक के परिजन मायूस.

दरअसल, सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. तब से कमलेश भट्ट के परिजन डेड बॉडी भारत लाने की मांग कर रहे थे.

dead body of tehri youth
दुबई से लाया गया था कमलेश का शव.

दुबई में रह रहे सामजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी के प्रयासों से 23 अप्रैल की रात आबूधाबी एयरपोर्ट से एक कार्गो विमान 3 शवों को लेकर दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के बगल में कार्गो टर्मिनल गेट नंबर 6 पर उतरा. इनमें कमलेश की डेड बॉडी भी थी.

dead body of tehri youth
मृतक कमलेश का पासपोर्ट.

भारतीय एंबेसी द्वारा रात 10 बजे एक आदेश निकाला गया कि बाहर से आने वाली जितनी भी डेड बॉडी हैं उनको रिसीव न किया जाए. इसके चलते कमलेश भट्ट का शव परिजनों को नहीं मिल सका. इस वजह से कमलेश की डेड बॉडी सहित तीनों शव वापस दुबई आबूधाबी एयरपोर्ट के लिए विमान से वापस लौटा दिये गए. इसके बाद कमलेश के परिजनों को निराश होकर सुबह 5 बजे वापस उत्तराखंड के लिए लौटना पड़ा. परिजनों ने राज्य और केंद्र सरकार से कमलेश का शव भारत वापस लाने की मांग की है.

पढ़ें- कोरोना ट्रैकर: कोरोना मरीजों की संख्या 47, देश में अब तक 686 मौतें

बात दें कि जौनपुर ब्लॉक के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट यूएई के अबू धाबी में होटल में नौकरी करता था. तीन साल से वो वहां नौकरी कर रहा था. बीते 16 अप्रैल को उसकी तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई. समाजसेवी रोशन रतूड़ी ने कमलेश के परिजनों को इस हादसे की सूचना दी. कमलेश की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है.

dead body of tehri youth
रोते-बिलखते कमलेश के परिजन.

टिहरी निवासी कमलेश भट्ट का परिवार बेहद गरीब है. उसके परिजन उत्तराखंड सरकार से लॉकडाउन के दौरान पास बनवाकर डेड बॉडी लेने दिल्ली गए थे. एक साल पहले कमलेश अपनी बहन की शादी में अपने घर आया था.

Last Updated : Apr 25, 2020, 5:32 PM IST
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