टिहरी: जिले के ग्रामीण इलाकों के लोगों की रातें मानसून की बारिश में जागकर कट रही हैं. लोगों को भय रहता है कि कब पहाड़ टूटकर मलबा उनके घरों को ना तोड़ दे. कब गदेरे का पानी घरों में घुस जाए. बुधवार रात ऐसा ही हुआ. लाटा गांव में छैल गदेरे ने बहुत उधम मचाया. गदेरे का पानी लोगों के घरों में घुस गया. 5 से 6 मकानों के अंदर मलबा घुसने से घर में रखा सामान नष्ट हो गया है.
मोटर मार्ग पर आया मलबा: ग्राम लाटा मध्ये में छैल गदेरे में पानी घुस गया. इससे मलबा आने से चमियाला-बूढ़ाकेदार मोटर मार्ग बंद हो गया है. मोटर मार्ग बंद होने से गाड़ियों का आवागमन बाधित है. पीडब्यूडी की टीम मौके पर है. खुद पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ग्राउंड जीरो पर हैं. मार्ग खुलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं. मौके पर जेसीबी लगाई गई है. राजस्व विभाग की टीम भी मौके पर है.
कृषि भूमि को भी हुआ नुकसान: गदेरे में जलस्तर बढ़ने से 5 से 6 मकानों में पानी और मलबा घुसा है. लगभग 15-16 परिवारों की लगभग 0.250 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है. राहत की बात ये रही है कि जनहानि और पशुहानि नहीं हुई है. ग्रामीणों में लोक निर्माण विभाग (PWD) के खिलाफ गुस्सा है. लोगों का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी की लापरवाही के कारण ही ऐसी स्थिति पैदा हुई है.
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ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन: घरों में मलबा घुसने और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचने से ग्रामीण नाराज हैं. उनमें पीडब्ल्यूडी के खिलाफ गुस्सा है. दरअसल मलबा आने से इलाके में सड़क, पेयजल लाइन और नहर क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. इससे नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. लोगों ने कहा कि उनको हुए नुकसान का जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग है.