टिहरी: जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित कुमार सिरोही की अदालत ने विदेशी महिला के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को दस साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.
अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पीड़िता अपने देश से 7 मार्च 2019 को ऋषिकेश घूमने आई थी, वो यहां एक होटल में ठहरी थी. आठ मार्च सुबह को पीड़िता ऋषिकेश में एक बाबा के आश्रम के लिए होटल से पैदल निकली थी. इस दौरान स्कूटर पर सवार एक व्यक्ति आया और उसने महिला से कहा कि वह उसे आश्रम में छोड़ देगा. जिसके बाद व्यक्ति पीड़िता को आश्रम के बाहर छोड़कर चला गया. इसके वह व्यक्ति शाम को महिला को ऋषिकेश बाजार घुमाने ले गया. बाजार घुमाने के बाद दोषी पीड़िता को एक निर्जन स्थान पर ले गया, जहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया.
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इस वारदात के बाद पीड़िता जैसे-कैसे दोषी के जुगल से निकलकर भाग गई. लेकिन दोषी ने देर शाम को फिर से पीड़िता को ढूंढ लिया और दोबारा उसे निर्जन जगह पर ले गया, जहां उसने फिर से पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद दोषी पीड़िता को लक्ष्मण झूला पुल पर छोड़कर वहां से चला गया.
इस मामले में पीड़िता ने 10 मार्च 2019 को लिखित प्रार्थना पत्र सम्बंधित थाने में प्रस्तुत किया. जिसके आधार पर मुनिकीरेती में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया. इसी दिन शाम को दोषी को नीरूगडू तिराहे ऋषिकेश से गिरफ्तार किया. विवेचना के बाद हिमांशु उर्फ हेमंत के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए गए.
इस मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी वीरेंद्र सिंह रावत ने साक्ष्य व कई गवाह पेश किए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित कुमार सिरोही की अदालत ने दोषी को दस साल की सजा व पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई.