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टिहरी PWD के बाहर ठेकेदारों का धरना चौथे हफ्ते भी जारी, शासन के सामने रखी ये 4 मांगें - Contractors protest outside Tehri PWD Office

टिहरी पीडब्ल्यूडी कार्यालय के बाहर ठेकेदारों का धरना 23वें दिन भी जारी रहा. ठेकेदार संघ ने शासन से उनकी 4 सूत्रीय मांगों का शीघ्र निराकरण की बात कही है.

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Published : Sep 2, 2022, 3:47 PM IST

टिहरीः भागीरथी ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन (Bhagirathi Contractors Welfare Association) अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 23 दिनों से लोनिवि प्रांतीय खंड में कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठा है. संघ का कहना है कि जब तक उनकी 4 सूत्रीय मांगों का शीघ्र निराकरण नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इसके अलावा आने वाले दिनों में विधानसभा घेराव किए जाने की चेतावनी दी है.

ठेकेदारों का कहना है कि रायल्टी की दरों को बढ़ाने से ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने रायल्टी की दरें पूर्व की भांति यथावत रखे जाने की मांग की है. सरकार बड़ी-बड़ी निविदाएं निकाल रही हैं. इससे छोटे ठेकेदार बेरोजगार हो रहे हैं और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया. उन्होंने सभी निविदाएं छोटी किए जाने की मांग की है. साथ ही ठेकेदार पंजीकरण प्रक्रिया को सरल करने व जीएसटी की अतिरिक्त 6 प्रतिशत धनराशि का डीपीआर आगणन में प्रावधान करने की मांग की है.
ये भी पढ़ेंः विधानसभा बैक डोर भर्ती: मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन, यूजेपी नेता कनक धनई अरेस्ट

वहीं, पीडब्ल्यूडी बौराड़ी के अधिकारी का कहना है कि जो ठेकेदार संघ 4 सूत्रीय मांगों को लेकर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे हैं, वह मांगें शासन स्तर की हैं. इसलिए इनको धरने पर नहीं बैठना चाहिए.

टिहरीः भागीरथी ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन (Bhagirathi Contractors Welfare Association) अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 23 दिनों से लोनिवि प्रांतीय खंड में कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठा है. संघ का कहना है कि जब तक उनकी 4 सूत्रीय मांगों का शीघ्र निराकरण नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इसके अलावा आने वाले दिनों में विधानसभा घेराव किए जाने की चेतावनी दी है.

ठेकेदारों का कहना है कि रायल्टी की दरों को बढ़ाने से ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने रायल्टी की दरें पूर्व की भांति यथावत रखे जाने की मांग की है. सरकार बड़ी-बड़ी निविदाएं निकाल रही हैं. इससे छोटे ठेकेदार बेरोजगार हो रहे हैं और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया. उन्होंने सभी निविदाएं छोटी किए जाने की मांग की है. साथ ही ठेकेदार पंजीकरण प्रक्रिया को सरल करने व जीएसटी की अतिरिक्त 6 प्रतिशत धनराशि का डीपीआर आगणन में प्रावधान करने की मांग की है.
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वहीं, पीडब्ल्यूडी बौराड़ी के अधिकारी का कहना है कि जो ठेकेदार संघ 4 सूत्रीय मांगों को लेकर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे हैं, वह मांगें शासन स्तर की हैं. इसलिए इनको धरने पर नहीं बैठना चाहिए.

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