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सरकारी अफसरों की नई करतूत, जलकुर नदी में ही बना डाली सिंचाई नहर

टिहरी में सिंचाई विभाग के अफसरों ने सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम किया है. विभाग ने जलकुर नदी के बीच सिंचाई नहर का निर्माण करावा दिया है.

जलकुर नदी के बीच में कराया सिंचाई नहर का निर्माण
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Published : Jul 17, 2019, 12:32 PM IST

टिहरी: सरकारी धन को कैसे ठिकाने लगाया जाता है ये कोई सिंचाई विभाग से सीखे. मामला प्रतापनगर विकासखंड के जलकुर नदी का है. जहां सिंचाई विभाग ने जान बूझकर नदी के बीच में ही सिंचाई नहर का निर्माण करवा दिया, जबकि जलकुर नदी में हर बरसात के सीजन में बाढ़ आती है और बाढ़ में जलकुर नदी सब कुछ बहाकर ले जाती है. ऐसे में विभाग की सिंचाई नहर कैसे सुरक्षित रह पाएगी ?

जलकुर नदी के बीच में कराया सिंचाई नहर का निर्माण

पढ़ें- BCCI ने उत्तराखंड के 9 मैदानों को टूर्नामेंट के लिए पाया फिट, खेली जा सकती है दिलीप ट्रॉफी

इस बात से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिंचाई विभाग ने जलकुर नदी में सिंचाई नहर का निर्माण जानबूझकर करवाया है और अधिकारियों ने एक सोची समझी साजिश के तहत सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम किया है. सिंचाई विभाग ने लाखों रुपये खर्च कर नहर का निर्माण कराया है. एक महीने बाद उसका नामोनिशान आपको मिलेगा या नहीं, ये बड़ा सवाल है.

टिहरी: सरकारी धन को कैसे ठिकाने लगाया जाता है ये कोई सिंचाई विभाग से सीखे. मामला प्रतापनगर विकासखंड के जलकुर नदी का है. जहां सिंचाई विभाग ने जान बूझकर नदी के बीच में ही सिंचाई नहर का निर्माण करवा दिया, जबकि जलकुर नदी में हर बरसात के सीजन में बाढ़ आती है और बाढ़ में जलकुर नदी सब कुछ बहाकर ले जाती है. ऐसे में विभाग की सिंचाई नहर कैसे सुरक्षित रह पाएगी ?

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इस बात से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिंचाई विभाग ने जलकुर नदी में सिंचाई नहर का निर्माण जानबूझकर करवाया है और अधिकारियों ने एक सोची समझी साजिश के तहत सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम किया है. सिंचाई विभाग ने लाखों रुपये खर्च कर नहर का निर्माण कराया है. एक महीने बाद उसका नामोनिशान आपको मिलेगा या नहीं, ये बड़ा सवाल है.

Intro: सिंचाई विभाग की करतूत बीच नदी में ही बना डाली सिंचाई नहर ।
सरकारी धन को ठिकाने लगाने के लिए रचा षड्यंत्रBody:सरकारी धन को कैसे ठिकाने लगाया जाता है यह कोई सिंचाई विभाग से सीखे ।
मामला टिहरी जिले के प्रतापनगर विकासखण्ड के भेलुनता बाँयी नहर का है जिस नहर के हेड में सिंचाई विभाग ने जानबूझकर घटिया निर्माण करवाकर बीच नदी में ही सिंचाई नहर का निर्माण करवा दिया ।
जलकुर नदी में हर बरसात के सीजन में बाढ़ आती है और जलकुर नदी के आसपास व किनारे हुए निर्माण या अवैध निर्माण को बाढ़ बहा ले जाती है। ऐसे में सिंचाई विभाग की नहर जो जलकुर नदी के बीचों-बीच बनी है कैसे सुरक्षित रह पाएगी।
इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीच जलकुर नदी में सिंचाई नहर का निर्माण करवाना जानबूझकर एक साजिश के तहत सरकारी धन को ठिकाने लगाने के अलावा और कुछ भी नहीं है।
जिस नहर पर आज लाखों रुपया खर्च कर निर्माण करवाया गया 1 महीने बाद उस नहर का नामोनिशान आपको नहीं मिलेगा ।Conclusion:सिंचाई विभाग का जलकुर नदी के बीचों-बीच सिंचाई नहर का निर्माण करवाना एक षड्यंत्र है ।
सिर्फ और सिर्फ लाखों रुपया को ठिकाने लगाने लगाने का प्रयास मात्र है ।
क्योंकि जब प्रतिवर्ष जलकुर नदी के किनारे निर्माण या अवैध निर्माण नहीं टिक पाते हैं तो जलकुर नदी के बीचों-बीच बनाई गई लाखों रुपए की नहर कैसे टिक पाएगी यह एक यक्ष प्रश्न है ।
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