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बेरीनाग में छड़ी यात्रा का हुआ भव्य स्वागत

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Published : Oct 9, 2020, 5:46 PM IST

Updated : Oct 9, 2020, 7:43 PM IST

पिथौरागढ़ के बेरीनाग पहुंचने पर ग्रामीणों ने छड़ी यात्रा का भव्य स्वागत किया. इस दौरान ग्रामीणों ने पूजा अर्चना कर यात्रा को चौकोडी के लिए रवाना हुई.

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बेरीनाग में छड़ी यात्रा का हुआ भव्य स्वागत

बेरीनाग: धर्मनगरी हरिद्वार से शुरू हुई छड़ी यात्रा के चौकोडी, बेरीनाग, गंगोलीहाट पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. पूजा-अर्चना के बाद यात्रा चौकोडी के लिए रवाना हुई. जूना अखाड़े के सभापति महंत प्रेम गिरी महाराज एवं महासचिव हरि गिरि के नेतृत्व में छड़ी यात्रा का भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान साधु-संतों ने नगर की परिक्रमा की.

बेरीनाग, चौकोडी, पाताल भुवनेश्वर, गंगोलीहाट में सनातन धर्म के जयकारों से गूंज उठी. लोगों ने फूल-मालाओं के साथ साधु-संतों का स्वागत किया. एशियन एकेडमी चौकोंडी विधि-विधान के साथ छड़ी की पूजा अर्चना की गई. स्वामी वीरेंद्रानंद ने कहा कि प्रतिवर्ष देश में सुख, शांति और समृद्धि के लिए छड़ी यात्रा का आयोजन किया जाता है.

ये भी पढ़ें : टिहरी डीएम ने क्षतिग्रस्त मकानों का किया निरीक्षण, सुरक्षा को बताया प्राथमिकता

बता दें कि पहले जूना अखाड़ा हर साल छड़ी यात्रा को निकालता है. लेकिन 70 पहले किन्हीं कारणों से छड़ी यात्रा बंद हो गई थी. प्राचीन समय से यह छड़ी यात्रा बागेश्वर से निकाली जाती थी. दो साल पहले जूना अखाड़े के प्रमुख हरि गिरि महाराज ने मुख्यमंत्री से इस प्राचीन छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू करने की अनुमति मांगी थी. इसके बाद प्राचीन छड़ी यात्रा को हरिद्वार लाकर स्थापित कर दिया था. पिछले साल सरकार की अनुमति मिलने के बाद छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू किया गया.

बेरीनाग: धर्मनगरी हरिद्वार से शुरू हुई छड़ी यात्रा के चौकोडी, बेरीनाग, गंगोलीहाट पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. पूजा-अर्चना के बाद यात्रा चौकोडी के लिए रवाना हुई. जूना अखाड़े के सभापति महंत प्रेम गिरी महाराज एवं महासचिव हरि गिरि के नेतृत्व में छड़ी यात्रा का भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान साधु-संतों ने नगर की परिक्रमा की.

बेरीनाग, चौकोडी, पाताल भुवनेश्वर, गंगोलीहाट में सनातन धर्म के जयकारों से गूंज उठी. लोगों ने फूल-मालाओं के साथ साधु-संतों का स्वागत किया. एशियन एकेडमी चौकोंडी विधि-विधान के साथ छड़ी की पूजा अर्चना की गई. स्वामी वीरेंद्रानंद ने कहा कि प्रतिवर्ष देश में सुख, शांति और समृद्धि के लिए छड़ी यात्रा का आयोजन किया जाता है.

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बता दें कि पहले जूना अखाड़ा हर साल छड़ी यात्रा को निकालता है. लेकिन 70 पहले किन्हीं कारणों से छड़ी यात्रा बंद हो गई थी. प्राचीन समय से यह छड़ी यात्रा बागेश्वर से निकाली जाती थी. दो साल पहले जूना अखाड़े के प्रमुख हरि गिरि महाराज ने मुख्यमंत्री से इस प्राचीन छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू करने की अनुमति मांगी थी. इसके बाद प्राचीन छड़ी यात्रा को हरिद्वार लाकर स्थापित कर दिया था. पिछले साल सरकार की अनुमति मिलने के बाद छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू किया गया.

Last Updated : Oct 9, 2020, 7:43 PM IST
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