टिहरी: विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस) जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने उत्तरकाशी से हरियाणा चरस ले जा रहे तस्कर को एनडीपीएस अधिनियम में दोष सिद्ध पाते हुए 10 साल कठोर कारावास और एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड जमा न करने पर आरोपी को एक साल और समय जेल में बिताना पड़ेगा.
जिला शासकीय अधिवक्ता स्वराज्य सिंह पंवार ने बताया कि 14 सितंबर 2019 को लंबगांव थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर उत्तरकाशी-लंबगांव मोटर मार्ग के कौडार बैंड के पास चेकिंग अभियान चलाया. इस दौरान वहां एक संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दिया. पुलिस ने उसे रोककर तलाशी ली और गिरफ्तार किया. आरोपी ने अपना नाम मनोज पुत्र राजकुमार निवासी भावर जिला सोनीपत हरियाणा बताया. उस वक्त आरोपी के पास से पुलिस को 1300 ग्राम अवैध चरस बरामद हुई.
पढ़ें: नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले गया 'दोस्त', अपने दो दोस्तों के साथ किया गैंगरेप, चार गिरफ्तार
आरोपी ने बताया कि वह उत्तरकाशी से चरस लेकर हरियाणा बेचने के लिए जा रहा था. पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा पंजीकृत कर आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया था. मामले में पुलिस ने 25 जनवरी 2020 को चार्जशीट दाखिल की. डीजीसी पंवार ने मामले में 24 कागजी दस्तावेज, गवाह और प्रयोगशाला की रिपोर्ट पेश की.
शनिवार को अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद शनिवार को विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस) जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त मनोज को 10 साल कठोर कारावास और 1 लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है.