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Crack in Tunnel: चंबा टनल में पड़ी दरार से शहर को खतरा, वैज्ञानिक जांच की मांग - cracks in tunnel at Tehri

उत्तराखंड के सबसे बड़े टनल में आई दरारों से चंबा शहर पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. टनल में कई जगहों पर दरारें देखी गई है, जिससे चंबा के लोग खौफजदा हैं. स्थानीयों ने इसकी जांच भू-वैज्ञानिकों से कराने की मांग की है. वहीं, टनल में आई दरार के बावजूद बीआरओ और निर्माणदायी कंपनी ने अभी तक संज्ञान नहीं लिया है.

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चंबा टनल में पड़ी दरार
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Published : Feb 11, 2023, 7:45 PM IST

Updated : Feb 11, 2023, 9:49 PM IST

चंबा टनल में पड़ी दरार

टिहरी: ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 पर बनी पहली टनल में कई जगहों पर दरार पड़ने से चंबा शहर वासियों में डर का माहौल है. लोगों को अपने घर की चिंता सताने लगी है. स्थानीयों ने टनल में आई दरारों की भू-वैज्ञानिकों से जांच कराने की मांग की है. वहीं, बीआरओ और निर्माणदायी कंपनी ने अब तक चंबा टनल में आई दरारों का संज्ञान नहीं लिया है.

बता दें कि इस टनल के ऊपर चंबा शहर बसा हुआ है. जहां पर करीब 5 हजार से अधिक आबादी रहती है. इस टनल में दरार पड़ने से हजारों लोगों की जान खतरे की जद में आने की आशंका बनी गई है. सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस टनल में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिसके चलते टनल में दरारें आ गई है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से इस टनल की जांच भूगर्भ वैज्ञानिकों से कराने की मांग की है.

इस टनल को गंगोत्री-यमुनोत्री की यात्रा पर आने-जाने वाले पर्यटकों के लिए बनाया गया है. टिहरी जिले के चंबा के पास बीआरओ द्वारा चंबा के मंजयूड गांव से गोल्डी गांव तक 440 मीटर लंबी टनल बनाई गई है. अब इस टनल से सीधे गंगोत्री-यमुनोत्री जाने वाले यात्री बिना जाम के आ-जा सकते हैं, लेकिन आजकल इस टनल में कई जगहों पर दरारें पड़ गई हैं. जिससे चंबा शहर वासियों में डर का माहौल बना है.
ये भी पढ़ें: Joshimath Crisis: वो पांच कारण जिनकी वजह से धंस रहा जोशीमठ, NIT ने स्टडी रिपोर्ट में किया जिक्र

चंबा वासियों ने कई बार इस टनल का विरोध भी किया था. स्थानीयों का कहना था कि इस टनल को चंबा शहर के नीचे बनाने के बजाय दूसरी जगह से बनाया जाए, ताकि चंबा शहर सुरक्षित रह सके और आज चंबा शहर वासियों की बात सत्य होती नजर आ रही है. यह टनल चंबा शहर के नीचे से बनाई गई है, जिसमें कई जगहों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं.

आश्चर्य की बात है टनल में दरार पड़ने के बाद भी अभी तक न तो बीआरओ के अधिकारी पहुंचे और न ही इस टनल निर्माणदायी कंपनी भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी पहुंची है. जबकि निर्माण कार्य करते समय यह अनुबंध हुआ था कि 3 साल तक टनल में किसी भी तरह की कोई दिक्कत या नुकसान होगा तो, उसकी भरपाई निर्माणदायी कंपनी इसकी भरपाई करेगी, लेकिन अभी तक भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इन दरारों का कोई भी संज्ञान नहीं लिया है.

गौरतलब है कि ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत टिहरी जिले के चंबा शहर में ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी मेथड से 440 लंबी सुरंग बनाई गई है. उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क पर बनने वाली यह सबसे बड़ी सुरंग है.

चंबा टनल में पड़ी दरार

टिहरी: ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 पर बनी पहली टनल में कई जगहों पर दरार पड़ने से चंबा शहर वासियों में डर का माहौल है. लोगों को अपने घर की चिंता सताने लगी है. स्थानीयों ने टनल में आई दरारों की भू-वैज्ञानिकों से जांच कराने की मांग की है. वहीं, बीआरओ और निर्माणदायी कंपनी ने अब तक चंबा टनल में आई दरारों का संज्ञान नहीं लिया है.

बता दें कि इस टनल के ऊपर चंबा शहर बसा हुआ है. जहां पर करीब 5 हजार से अधिक आबादी रहती है. इस टनल में दरार पड़ने से हजारों लोगों की जान खतरे की जद में आने की आशंका बनी गई है. सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस टनल में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिसके चलते टनल में दरारें आ गई है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से इस टनल की जांच भूगर्भ वैज्ञानिकों से कराने की मांग की है.

इस टनल को गंगोत्री-यमुनोत्री की यात्रा पर आने-जाने वाले पर्यटकों के लिए बनाया गया है. टिहरी जिले के चंबा के पास बीआरओ द्वारा चंबा के मंजयूड गांव से गोल्डी गांव तक 440 मीटर लंबी टनल बनाई गई है. अब इस टनल से सीधे गंगोत्री-यमुनोत्री जाने वाले यात्री बिना जाम के आ-जा सकते हैं, लेकिन आजकल इस टनल में कई जगहों पर दरारें पड़ गई हैं. जिससे चंबा शहर वासियों में डर का माहौल बना है.
ये भी पढ़ें: Joshimath Crisis: वो पांच कारण जिनकी वजह से धंस रहा जोशीमठ, NIT ने स्टडी रिपोर्ट में किया जिक्र

चंबा वासियों ने कई बार इस टनल का विरोध भी किया था. स्थानीयों का कहना था कि इस टनल को चंबा शहर के नीचे बनाने के बजाय दूसरी जगह से बनाया जाए, ताकि चंबा शहर सुरक्षित रह सके और आज चंबा शहर वासियों की बात सत्य होती नजर आ रही है. यह टनल चंबा शहर के नीचे से बनाई गई है, जिसमें कई जगहों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं.

आश्चर्य की बात है टनल में दरार पड़ने के बाद भी अभी तक न तो बीआरओ के अधिकारी पहुंचे और न ही इस टनल निर्माणदायी कंपनी भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी पहुंची है. जबकि निर्माण कार्य करते समय यह अनुबंध हुआ था कि 3 साल तक टनल में किसी भी तरह की कोई दिक्कत या नुकसान होगा तो, उसकी भरपाई निर्माणदायी कंपनी इसकी भरपाई करेगी, लेकिन अभी तक भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इन दरारों का कोई भी संज्ञान नहीं लिया है.

गौरतलब है कि ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत टिहरी जिले के चंबा शहर में ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी मेथड से 440 लंबी सुरंग बनाई गई है. उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क पर बनने वाली यह सबसे बड़ी सुरंग है.

Last Updated : Feb 11, 2023, 9:49 PM IST
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