टिहरी: जिले का प्रसिद्ध बाजार भलड़ियांना टिहरी झील बनने के बाद पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर आ गया है. आज यहां का हर एक दुकानदार परेशान है. टिहरी झील बनने के कारण भलड़ियांना बाजार के आसपास की सड़क झील में डूब गई और यात्रियों का आवागमन पूरी तरह से कट गया. इस कारण यहां के दुकानदारों के रोजगार पर बुरी तरह असर पड़ा.
बता दें कि टिहरी झील बनने से पहले चारधाम पर आने वाले यात्री सबसे पहले यमनोत्री-गंगोत्री आने-जाने के लिए भलड़ियांना बाजार से होते हुए जाते हैं. ऋषिकेश से यमनोत्री, गंगोत्री और उत्तरकाशी जाने वाले यात्री भलड़ियांना में खाना खाने के लिए जरूर रुकते थे. साथ ही प्रतापनगर की जनता का भी आना-जाना यहीं से होता था. टिहरी झील बनने के कारण भलड़ियांना बाजार के आसपास की सड़क झील में डूब गई और यात्रियों का आवागमन पूरी तरह से कट गया, जिस कारण यहां के दुकानदारों के रोजगार पर बुरी तरह असर पड़ा.
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वहीं, टीएचडीसी ने इन दुकानदारों को कहीं और जगह दुकान नहीं दी. दुकानदारों ने मांग की है कि वह अन्य दुकानदारों की तरह हमें भी दुकान आवंटित करें, जिससे उन्हें रोजगार मिल सके. टिहरी झील बनने के बाद अब जो भी यात्री या सवारी यमुनोत्री, गंगोत्री और उत्तरकाशी जाते हैं, वह चम्बा से सीधे धरासू होते हुए जाते हैं.