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टिहरी ट्रेजरी गबन मामला: दूसरे आरोपी यशपाल नेगी की कार बरामद, फरार दोषियों की तलाश में जुटी पुलिस

टिहरी ट्रेजरी घोटाले मामले में पुलिस ने दूसरे आरोपी यशपाल नेगी की कार बरामद की है. नई टिहरी वरिष्ठ कोषाधिकारी कार्यालय में ₹2 करोड़ 21 लाख रुपए की गबन का मामला सामने आने के बाद दोनों लेखाकार जयप्रकाश शाह और यशपाल नेगी लापता चल रहे हैं.

Tehri Treasury scam case
टिहरी ट्रेजरी गबन मामला
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Published : Jan 4, 2022, 6:29 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 8:11 PM IST

टिहरी: जिले के हाई प्रोफाइल ट्रेजरी गबन मामले के दूसरे अभियुक्त यशपाल सिंह नेगी का वाहन भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. नई टिहरी वरिष्ठ कोषाधिकारी कार्यालय में ₹2 करोड़ 21 लाख रुपए की गबन का मामला सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 29 दिसंबर की रात नई टिहरी कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

इन चार आरोपियों में दो कोषागार के कैशियर यशपाल सिंह नेगी और जयप्रकाश शाह हैं. दो अन्य लोगों के खिलाफ 409 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने चारों के बैंक खाते सील कर दिए हैं और आरोपियों की धरपकड़ के लिए अभियान जारी है. टिहरी एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने इनको पकड़ने के लिए तीन एसआईटी टीमें गठित की हैं, जिन पर आईटी सेल, थाना और एसओजी टीम काम कर रही है.

एसएसपी ने बताया कि कोषागार के इन दोनों कर्मचारियों के वाहन मिल चुके हैं. कुछ दिन पूर्व जयप्रकाश शाह की कार ऋषिकेश एम्स के बाहर मिला था और वहीं, रविवार देर रात यशपाल नेगी का वाहन ढालवाला से मिला. बीती 25 दिसंबर को इन दोनों ट्रेजरी अधिकारियों को ढूंढते हुए पुलिस ऋषिकेश पहुंची थी, जहां एम्स के गेट नंबर एक के सामने एक कार संदिग्ध UK 09 A 0826 परिस्थितियों में बरामद हुई. ये कार आरोपी जयप्रकाश की थी. तलाशी लेने पर गाड़ी के अंदर से 100 से ज्यादा अकाउंट संबंधित अति महत्वपूर्ण फाइलें बरामद हुई थीं.

दूसरे आरोपी यशपाल नेगी की कार बरामद.

ये भी पढ़ें: टिहरी ट्रेजरी के दो लेखाकार संदिग्ध परिस्थितियों में लापता, ऋषिकेश में मिली कार, 100 से अधिक फाइलें बरामद

कैसे हुआ खुलासा: नैनीताल ट्रेजरी में घपला सामने आने पर उत्तराखंड पेंशन एवं हकदारी निदेशालय देहरादून ने टिहरी कोषागार में भी जांच कराने के निर्देश जारी किए थे. पेंशन प्रकरण देख रहे कैशियर जयप्रकाश शाह और यशपाल सिंह नेगी 25 दिसंबर से अचानक गायब हो गए. परिजनों ने उनकी गुमशुदगी कोतवाली में दर्ज कराई. गड़बड़ी का मामला सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 29 दिसंबर की रात को कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों के खिलाफ 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये के गबन की तहरीर दी थी.

क्या चल रहा था खेल: कोषागार में पेंशन प्रकरण देख रहे दोनों आरोपी मृतक पेंशनरों के मृत्यु प्रमाण पत्र हटाकर पेंशन की धनराशि अपने खातों में क्रेडिट कराते थे और इस पैसे से अपना शौक पूरा करते थे. दो कैशियर के खातों में 1 करोड़ 68 लाख 46 हजार रुपये जमा हुए हैं. जांच में पता चला है कि कैशियर जयप्रकाश शाह के बैंक खाते में 1 करोड़ 35 लाख 46 हजार रुपये और कैशियर यशपाल सिंह नेगी के खाते में 33 लाख 3 हजार रुपये क्रेडिट हुए हैं.

आरोपियों ने पेंशन का पैसा हड़प कर सुरेंद्र सिंह पंवार के बैंक खाते में 10.77 लाख और मनोज कुमार पता नामालूम के खाते में 42 लाख रुपये अलग-अलग समय पर क्रेडिट करवाए. जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों ने अंतिम बार ऋषिकेश के एक एटीएम से 30 हजार रुपये निकाले थे. उसके बाद से दोनों के मोबाइल फोन बंद हैं जबकि एटीएम का भी उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया है.

टिहरी: जिले के हाई प्रोफाइल ट्रेजरी गबन मामले के दूसरे अभियुक्त यशपाल सिंह नेगी का वाहन भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. नई टिहरी वरिष्ठ कोषाधिकारी कार्यालय में ₹2 करोड़ 21 लाख रुपए की गबन का मामला सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 29 दिसंबर की रात नई टिहरी कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

इन चार आरोपियों में दो कोषागार के कैशियर यशपाल सिंह नेगी और जयप्रकाश शाह हैं. दो अन्य लोगों के खिलाफ 409 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने चारों के बैंक खाते सील कर दिए हैं और आरोपियों की धरपकड़ के लिए अभियान जारी है. टिहरी एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने इनको पकड़ने के लिए तीन एसआईटी टीमें गठित की हैं, जिन पर आईटी सेल, थाना और एसओजी टीम काम कर रही है.

एसएसपी ने बताया कि कोषागार के इन दोनों कर्मचारियों के वाहन मिल चुके हैं. कुछ दिन पूर्व जयप्रकाश शाह की कार ऋषिकेश एम्स के बाहर मिला था और वहीं, रविवार देर रात यशपाल नेगी का वाहन ढालवाला से मिला. बीती 25 दिसंबर को इन दोनों ट्रेजरी अधिकारियों को ढूंढते हुए पुलिस ऋषिकेश पहुंची थी, जहां एम्स के गेट नंबर एक के सामने एक कार संदिग्ध UK 09 A 0826 परिस्थितियों में बरामद हुई. ये कार आरोपी जयप्रकाश की थी. तलाशी लेने पर गाड़ी के अंदर से 100 से ज्यादा अकाउंट संबंधित अति महत्वपूर्ण फाइलें बरामद हुई थीं.

दूसरे आरोपी यशपाल नेगी की कार बरामद.

ये भी पढ़ें: टिहरी ट्रेजरी के दो लेखाकार संदिग्ध परिस्थितियों में लापता, ऋषिकेश में मिली कार, 100 से अधिक फाइलें बरामद

कैसे हुआ खुलासा: नैनीताल ट्रेजरी में घपला सामने आने पर उत्तराखंड पेंशन एवं हकदारी निदेशालय देहरादून ने टिहरी कोषागार में भी जांच कराने के निर्देश जारी किए थे. पेंशन प्रकरण देख रहे कैशियर जयप्रकाश शाह और यशपाल सिंह नेगी 25 दिसंबर से अचानक गायब हो गए. परिजनों ने उनकी गुमशुदगी कोतवाली में दर्ज कराई. गड़बड़ी का मामला सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 29 दिसंबर की रात को कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों के खिलाफ 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये के गबन की तहरीर दी थी.

क्या चल रहा था खेल: कोषागार में पेंशन प्रकरण देख रहे दोनों आरोपी मृतक पेंशनरों के मृत्यु प्रमाण पत्र हटाकर पेंशन की धनराशि अपने खातों में क्रेडिट कराते थे और इस पैसे से अपना शौक पूरा करते थे. दो कैशियर के खातों में 1 करोड़ 68 लाख 46 हजार रुपये जमा हुए हैं. जांच में पता चला है कि कैशियर जयप्रकाश शाह के बैंक खाते में 1 करोड़ 35 लाख 46 हजार रुपये और कैशियर यशपाल सिंह नेगी के खाते में 33 लाख 3 हजार रुपये क्रेडिट हुए हैं.

आरोपियों ने पेंशन का पैसा हड़प कर सुरेंद्र सिंह पंवार के बैंक खाते में 10.77 लाख और मनोज कुमार पता नामालूम के खाते में 42 लाख रुपये अलग-अलग समय पर क्रेडिट करवाए. जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों ने अंतिम बार ऋषिकेश के एक एटीएम से 30 हजार रुपये निकाले थे. उसके बाद से दोनों के मोबाइल फोन बंद हैं जबकि एटीएम का भी उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया है.

Last Updated : Jan 4, 2022, 8:11 PM IST
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