रुद्रप्रयागः वो कहते हैं न, हुनर किसी बड़े शहर में नहीं पलता और छिपाए नहीं छिपता. जिले के जखोली विकासखंड के युवाओं ने अपने हुनर से अरखुंड गांव की ऐसी तस्वीर बदली कि उसके चर्चे दूर-दूर तक है. ये युवा अपनी चित्रकारी से पहाड़ी की संस्कृति को जिंदा रखे हुए है. लोगों की घरों की दीवारों पर उकेरी इनकी कलाकृति इसका बड़ा उदाहरण है. ये सब कुछ मुमकिन हो पाया है स्थानीय युवा सुमित राणा की पहल पर.
रुद्रप्रयाग जिले के विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत अरखुंड का नजारा अब कुछ बदला-बदला सा है. इसके पीछे हैं यहां के युवा. जिन्होंने अपने हुनर से लोगों के घरों की दीवारों पर पहाड़ की संस्कृति, पर्यावरण और ग्रामीण जनजीवन को उकेरा है. इन युवाओं की प्रेरणा है सुमित राणा. सुमित ने गढ़वाल विश्वविद्यालय से ड्राइंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इसके बाद वे अपने गांव पहुंचे और उनकी पहल पर स्थानीय युवाओं के सहयोग से आज गांववालों के घरों की दीवारें बोल रही है.
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सुमित कहते हैं कि 2015 में अपने पांच साथियों के साथ उन्होंने एलाइव आर्ट ग्रुप शुरू किया. इस ग्रुप के माध्यम से कई युवाओं को अपनी कला को साबित करने का उचित प्लेटफॉर्म मिल रहा है. ग्रुप के माध्यम से उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में चित्रकला की प्रदर्शनी लगाई जाती है. सुमित बताते हैं कि पेंटिंग के क्षेत्र में करियर की असीम संभावनाएं हैं. ये अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है. श्रीनगर में पढ़ाई के समय ही उन्होंने सोच लिया था कि पेंटिंग के क्षेत्र में लीक से हटकर कुछ करना है. जिसकी शुरुआत उन्होंने अपने गांव अरखुंग से की.