रुद्रप्रयाग: जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में आए दिन विवादों में घिरा रहता है. कुछ दिन पहले भी चिकित्सकों पर मरीजों के परिजनों से पैसे लेने के आरोप लगे थे. वहीं, ताजा मामले में डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता की मौत का मामला सामने आया है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है.
जिला चिकित्सालय में आयुर्वेदिक पंचकर्म में तैनात नर्स को भी चिकित्सकों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा. महिला का प्रसव सकुशल होने के बावजूद अधिक रक्तस्राव होने पर उसे अंतिम समय में श्रीकोट बेस चिकित्सालय रेफर किया गया, लेकिन हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही महिला ने रास्ते में दम तोड़ दिया.
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बता दें कि जिला चिकित्सालय में आयुर्वेदिक पंचकर्म में नर्स पद पर तैनात निधि पत्नी दीपक रगड़वाल को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. शाम को लगभग 4 बजे उनकी नॉर्मल डिलीवरी हुई, लेकिन निधि का रक्तस्राव नहीं रुका. स्थिति बिगड़ती देख डॉक्टरों ने महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया. लेकिन महिला की बेस अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई.
जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दिनेश चंद्र सेमवाल ने बताया कि महिला की नॉर्मल डिलीवरी की जा रही थी और डिलीवरी सफलतापूर्वक हो भी गई थी. महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, लेकिन रक्तस्राव बंद न होने के कारण उसे रेफर करना पड़ा. रक्तस्राव को रोकने के लिए कोई सर्जन यहां उपलब्ध नहीं था, जिस कारण व्यवस्थाओं के अभाव में मरीज को रेफर करना पड़ा.
मृतका का भाई भगवान सिंह राणा ने आरोप लगाया कि डाक्टरों द्वारा पहले बताया गया कि नार्मल प्रसव हो जाएगा और जब रक्तस्राव होना शुरू हुआ तो काफी देर बाद रेफर किया गया. चिकित्सक से पूर्व में ऑपरेशन से प्रसव कराने की गुजारिश की गई थी, लेकिन अस्पताल प्रंबधन ने नार्मल डिलिवरी होने की बात कही. चिकित्सकों की लापरवाही का खामियाजा परिवारजनों को भुगतना पड़ रहा है.