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रुद्रप्रयाग संगम से अयोध्या भेजा गया गंगा जल, प्राण प्रतिष्ठा में होगा इस्तेमाल - रुद्रप्रयाग गंगा जल

Ganga Water to Ayodhya From Rudraprayag आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है. जिसे लेकर विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) ने रुद्रप्रयाग संगम का जल अयोध्या भेजा है. यह जल राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में इस्तेमाल किया जाएगा.

Ayodhya Ganga jal
अयोध्या गंगा जल
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 14, 2024, 12:25 PM IST

Updated : Jan 14, 2024, 4:54 PM IST

रुद्रप्रयाग: अध्योध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है. जहां उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गांव और शहरों में दीपावली उत्सव मनाने को कहा है तो वहीं विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) की ओर से अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अलकनंदा, मंदाकिनी, रुद्रप्रयाग संगम, गौरीकुंड, देवप्रयाग संगम का गंगा जल भेजा है. यह जल प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में इस्तेमाल किया जाएगा.

पूरा देश 22 जनवरी को श्रीराम के अयोध्या आगमन की प्रतीक्षा कर रहा है. अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है. इसके तहत धामी सरकार ने 14 से 22 जनवरी तक गांव और शहरों में दीपावली की भांति ही विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) ने अयोध्या के लिए गंगा जल भेजा है.

Ayodhya Ganga jal
विश्व अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों ने भेजा गंगा जल

यह जल रुद्रप्रयाग संगम, अलकनंदा, मंदाकिनी, देव प्रयाग संगम, गौरी माई गौरीकुंड से जमा किया गया है. जिसे 'हिमालय लाडली' से विख्यात साध्वी विचित्र रचना को सौंपा गया, जो श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देवभूमि के चारधामों से गंगा जल लेकर जा रही है. गंगा जल के साथ ही वे सवा क्विंटल लड्डू का प्रसाद, 108 भगवा ध्वज के अलावा केदारनाथ बाबा का स्मृति चिन्ह लेकर भी अयोध्या जाएंगी.
ये भी पढ़ेंः इस शुभ मुहूर्त में होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, बन रहा अद्भुत संयोग, 84 सेकेंड में प्रतिष्ठित हो जाएंगे भगवान

विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी ने कहा कि अखंड भारत शक्तिपीठ ट्रस्ट की अध्यक्ष और कथा ब्यास साध्वी विचित्र रचना प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अयोध्या जा रही हैं. वे देवभूमि उत्तराखंड से गंगा जल लेकर जा रही हैं, जिसमें गौरीकुंड, मंदाकिनी, अलकनंदा, रुद्रप्रयाग संगम, देवप्रयाग संगम, गंगोत्री गौमुख, यमुनोत्री उदगम से गंगा जल लेकर जाएंगी.

साध्वी विचित्र रचना के रुद्रप्रयाग आगमन पर विश्व अखाड़ा परिषद के गौर रक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने उन्हें गंगा जल सौंपा. उन्होंने बताया कि श्रीराम के अयोध्या लौटने पर साध्वी विचित्र रचना का भी वनवास खत्म होने जा रहा है. उन्होंने साल 2010 में भविष्य बदरी में संकल्प लिया था कि वे साधु होने के बाद भी संन्यासी के वस्त्र तब तक नहीं पहनेंगी, जब तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा और उस पर भगवा ध्वज नहीं लहराएगा.

अब जाकर साध्वी विचित्र रचना का यह संकल्प श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पूरा होने जा रहा है. गौ रक्षा विभाग के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी ने कहा कि पूरे देश में श्रीराम के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर हर्षोल्लास का माहौल बना है. हर एक व्यक्ति कार्यक्रम का साक्षी बनना चाहता है.

रुद्रप्रयाग: अध्योध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है. जहां उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गांव और शहरों में दीपावली उत्सव मनाने को कहा है तो वहीं विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) की ओर से अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अलकनंदा, मंदाकिनी, रुद्रप्रयाग संगम, गौरीकुंड, देवप्रयाग संगम का गंगा जल भेजा है. यह जल प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में इस्तेमाल किया जाएगा.

पूरा देश 22 जनवरी को श्रीराम के अयोध्या आगमन की प्रतीक्षा कर रहा है. अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है. इसके तहत धामी सरकार ने 14 से 22 जनवरी तक गांव और शहरों में दीपावली की भांति ही विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) ने अयोध्या के लिए गंगा जल भेजा है.

Ayodhya Ganga jal
विश्व अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों ने भेजा गंगा जल

यह जल रुद्रप्रयाग संगम, अलकनंदा, मंदाकिनी, देव प्रयाग संगम, गौरी माई गौरीकुंड से जमा किया गया है. जिसे 'हिमालय लाडली' से विख्यात साध्वी विचित्र रचना को सौंपा गया, जो श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देवभूमि के चारधामों से गंगा जल लेकर जा रही है. गंगा जल के साथ ही वे सवा क्विंटल लड्डू का प्रसाद, 108 भगवा ध्वज के अलावा केदारनाथ बाबा का स्मृति चिन्ह लेकर भी अयोध्या जाएंगी.
ये भी पढ़ेंः इस शुभ मुहूर्त में होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, बन रहा अद्भुत संयोग, 84 सेकेंड में प्रतिष्ठित हो जाएंगे भगवान

विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी ने कहा कि अखंड भारत शक्तिपीठ ट्रस्ट की अध्यक्ष और कथा ब्यास साध्वी विचित्र रचना प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अयोध्या जा रही हैं. वे देवभूमि उत्तराखंड से गंगा जल लेकर जा रही हैं, जिसमें गौरीकुंड, मंदाकिनी, अलकनंदा, रुद्रप्रयाग संगम, देवप्रयाग संगम, गंगोत्री गौमुख, यमुनोत्री उदगम से गंगा जल लेकर जाएंगी.

साध्वी विचित्र रचना के रुद्रप्रयाग आगमन पर विश्व अखाड़ा परिषद के गौर रक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने उन्हें गंगा जल सौंपा. उन्होंने बताया कि श्रीराम के अयोध्या लौटने पर साध्वी विचित्र रचना का भी वनवास खत्म होने जा रहा है. उन्होंने साल 2010 में भविष्य बदरी में संकल्प लिया था कि वे साधु होने के बाद भी संन्यासी के वस्त्र तब तक नहीं पहनेंगी, जब तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा और उस पर भगवा ध्वज नहीं लहराएगा.

अब जाकर साध्वी विचित्र रचना का यह संकल्प श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पूरा होने जा रहा है. गौ रक्षा विभाग के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी ने कहा कि पूरे देश में श्रीराम के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर हर्षोल्लास का माहौल बना है. हर एक व्यक्ति कार्यक्रम का साक्षी बनना चाहता है.

Last Updated : Jan 14, 2024, 4:54 PM IST
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