रुद्रप्रयागः सिंगोली-भटवाड़ी लघु जल विद्युत परियोजना की कार्यदायी संस्था एल एंड टी की ओर से ग्रामीणों से किए गये वादे से मुकरने पर ग्रामीणों में नाराजगी है. ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने कंपनी के पावर हाउस के समीप प्रदर्शन किया. करीब चार घंटे तक चले धरने के बाद तहसीलदार बसुकेदार की मध्यस्तता में वार्ता के बाद कम्पनी के 15 मार्च तक ग्रामीणों की मांगों पर लिखित जवाब देने के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ. ग्रामीणों ने कहा कि ऐसा न होने पर वे उग्र आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे.
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ग्राम प्रधान विजयपाल राणा के नेतृत्व में एल एंड टी के पावर हाउस के निकट खेल मैदान में सभी ग्रामीण एकत्रित हुए. इस दौरान ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. धरनास्थल पर हुई सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कंपनी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2005 से वे लगातार कंपनी से गांव के विकास के लिए लड़ रहे हैं. मगर कंपनी ग्रामीणों को केवल आश्वासन ही दे रही है.
आक्रोशित ग्रामीणों ने तीन जनवरी 2020 को कंपनी को सात बिन्दुओं पर कार्य करने को कहा था. मगर एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कंपनी ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया. इसके बाद ग्रामीणों ने 21 जनवरी को ग्राम सभा की खुली बैठक में पुनः कंपनी को ज्ञापन दिया, जिसमें ग्रामीणों को चारापत्ती का भुगतान, वृद्ध, विधवा एवं विकलांग सहायता राशि, सड़क निर्माण, जंगल एवं सीमांकन संबंधी विवाद, रोजगार, खेल का मैदान, घाटों का निर्माण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा तथा जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग दोहराई.
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इसके बाद प्रशासन, कंपनी एवं ग्रामीणों की संयुक्त बैठक में इन पर शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ करने पर सहमति बनी थी, मगर एक माह बीत जाने पर भी कोई प्रगति नहीं हो पाई. ग्रामीणों का कहना है कि जब कंपनी निर्माण कार्य कर रही थी, तब ग्रामीणों ने हमेशा कम्पनी का साथ दिया. मगर बिजली उत्पादन प्रारम्भ होते ही कंपनी ने ग्रामीणों के सहयोग को भुला दिया. ग्रामीणों ने तहसीलदार के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भी भेजा.
चार घंटे तक चले धरना-प्रदर्शन के बाद तहसीलदार बसुकेदार दीवान सिंह राणा धरना स्थल पर पहुंचे और कंपनी के स्थानीय एचआर प्रमुख सुधांशु शर्मा के साथ ग्रामीणों के सम्मुख ही प्रत्येक बिन्दु पर चर्चा कर कंपनी को नियमानुसार कार्य करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के हक-हकूक की पूरी रक्षा की जायेगी. ग्रामीणों को भी संयम रखना होगा.