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कम बारिश और बर्फबारी का असर, झीलों का जल स्तर घटा, नैनी झील का वाटर लेवल भी गिरा - NAINI LAKE WATER LEVEL

मौसम की बेरुखी के चलते सूखने लगी नैनीझील, भीमताल, नौकुचियाताल और सातताल झील के जलस्तर में भी तेजी से आ रही गिरावट

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नैनी झील का जल स्तर घटा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 10, 2025, 3:32 PM IST

Updated : Feb 10, 2025, 4:51 PM IST

नैनीताल: विश्व प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल की झील का जल स्तर इन दिनों तेजी से कम हो रहा है. जिसके चलते झील के चारों तरफ अब डेल्टा उभरने लगे हैं. इससे झील की सुंदरता पर ग्रहण भी लगने लगा है. बीते अक्टूबर माह से अब तक नैनीताल में बारिश और बर्फबारी न के बराबर हुई है. ऐसे में नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में सूखे के हालात बनने लगे हैं.

कम बारिश का नैनीताल पर इतना गहरा असर पड़ा है कि झील का जलस्तर बीते 5 साल में सबसे कम स्तर पर जा पहुंचा है. अगर यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में नैनीताल में स्थानीय लोगों के सामने पेयजल संकट खड़ा हो जाएगा. इतना ही नहीं मई जून में गर्मियों के दौरान पर्यटन सीजन में पर्यटकों को भी पेयजल की किल्लत से भी जूझना पड़ सकता है.

नैनीताल में झीलों को जल स्तर घटा. (ETV Bharat)

नैनीझील का रखरखाव करने वाले सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता डीडी सती की मानें तो बीते चार सालों में नैनी झील का जल स्तर काफी गिरा है. जिले की तमाम झीलों के जल स्तर को बारिश और बर्फबारी के पानी से नियंत्रित किया जाता है, लेकिन इस पर बारिश और बर्फबरी काफी कम हुई है. इसीलिए इस बार नैनी झील का जलस्तर तेजी से कम हुआ है.

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कम बारिश और बर्फबारी का असर (ETV Bharat)

फरवरी में झील का जलस्तर था

  • साल नैनीताल भीमताल सातताल नौकुचियाताल
  • 2022 9.02 फुट 43.8 फुट 15.7 फुट 15.9 फुट
  • 2023 6.08 फुट 42 फुट 12.6 फुट 13.6 फुट
  • 2024 6.02 फुट 38.6 फुट 12.3 फुट 12.4 फुट
  • 2025 6.01 फुट 43.2 फुट 12.7 फुट 12.8 फुट

बारिश और बर्फबारी का असर पहाड़ी इलाकों के किसानों पर भी पड़ रहा है. दरअसल, फरवरी माह के बाद नैनीताल के रामगढ़ और मुक्तेश्वर समेत पहाड़ी क्षेत्रों में आडू, पुलम, सेब और खुमानी समेत विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन होता है. नैनीताल के इन फलों को देश की विभिन्न बड़ी मंडियो में भेजा जाता है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. किसान साल भर इन्हीं फलों के उत्पादन के कमाए धन पर अपना जीवन यापन करते हैं. इन क्षेत्रों को फल पट्टी नाम से भी जाना जाता है. यहां विभिन्न प्रकार की मौसमी और बेमौसमी खेती होती है. मगर इस बार पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी न होने से अभी से सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं, जिससे पहाड़ का गरीब किसान इन दिनों मायूस और परेशान नजर आ रहा है.

पढ़ें---

नैनीताल: विश्व प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल की झील का जल स्तर इन दिनों तेजी से कम हो रहा है. जिसके चलते झील के चारों तरफ अब डेल्टा उभरने लगे हैं. इससे झील की सुंदरता पर ग्रहण भी लगने लगा है. बीते अक्टूबर माह से अब तक नैनीताल में बारिश और बर्फबारी न के बराबर हुई है. ऐसे में नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में सूखे के हालात बनने लगे हैं.

कम बारिश का नैनीताल पर इतना गहरा असर पड़ा है कि झील का जलस्तर बीते 5 साल में सबसे कम स्तर पर जा पहुंचा है. अगर यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में नैनीताल में स्थानीय लोगों के सामने पेयजल संकट खड़ा हो जाएगा. इतना ही नहीं मई जून में गर्मियों के दौरान पर्यटन सीजन में पर्यटकों को भी पेयजल की किल्लत से भी जूझना पड़ सकता है.

नैनीताल में झीलों को जल स्तर घटा. (ETV Bharat)

नैनीझील का रखरखाव करने वाले सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता डीडी सती की मानें तो बीते चार सालों में नैनी झील का जल स्तर काफी गिरा है. जिले की तमाम झीलों के जल स्तर को बारिश और बर्फबारी के पानी से नियंत्रित किया जाता है, लेकिन इस पर बारिश और बर्फबरी काफी कम हुई है. इसीलिए इस बार नैनी झील का जलस्तर तेजी से कम हुआ है.

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कम बारिश और बर्फबारी का असर (ETV Bharat)

फरवरी में झील का जलस्तर था

  • साल नैनीताल भीमताल सातताल नौकुचियाताल
  • 2022 9.02 फुट 43.8 फुट 15.7 फुट 15.9 फुट
  • 2023 6.08 फुट 42 फुट 12.6 फुट 13.6 फुट
  • 2024 6.02 फुट 38.6 फुट 12.3 फुट 12.4 फुट
  • 2025 6.01 फुट 43.2 फुट 12.7 फुट 12.8 फुट

बारिश और बर्फबारी का असर पहाड़ी इलाकों के किसानों पर भी पड़ रहा है. दरअसल, फरवरी माह के बाद नैनीताल के रामगढ़ और मुक्तेश्वर समेत पहाड़ी क्षेत्रों में आडू, पुलम, सेब और खुमानी समेत विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन होता है. नैनीताल के इन फलों को देश की विभिन्न बड़ी मंडियो में भेजा जाता है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. किसान साल भर इन्हीं फलों के उत्पादन के कमाए धन पर अपना जीवन यापन करते हैं. इन क्षेत्रों को फल पट्टी नाम से भी जाना जाता है. यहां विभिन्न प्रकार की मौसमी और बेमौसमी खेती होती है. मगर इस बार पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी न होने से अभी से सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं, जिससे पहाड़ का गरीब किसान इन दिनों मायूस और परेशान नजर आ रहा है.

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Last Updated : Feb 10, 2025, 4:51 PM IST
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