रुद्रप्रयाग: विकासखंड मुख्यालय के निकटवर्ती गांव सेमला के ग्रामीणों ने मां दुर्गा के नव निर्मित मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय सरलीकरण यज्ञ के दूसरे दिन 201 कलशों की कलश यात्रा निकाली. इस कलश यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर पुण्य अर्जित किया. तीन दिवसीय सरलीकरण यज्ञ के आयोजन से तुंगनाथ घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है.
विद्वान आचार्य देवेशानन्द जमलोकी के नेतृत्व में ब्रह्म बेला पर पंचाग पूजा के बाद तैतीस कोटि देवी-देवताओं के साथ ही भगवान तुंगनाथ और मां दुर्गा भवानी का आहवान कर आरती की गई. उसके बाद नर-नारी स्थानीय वाध्य यंत्रों के साथ खेत-खलिहानों के मध्य विराजमान तुंगेश्वर महादेव प्राकृतिक जल स्रोत पर पहुंचे, जहां पंडित राजन सेमवाल ने 201 जल कलशों की विशेष पूजा-अर्चना कर हवन किया और सभी जल कलशों की आरती उतारी गई. जल कलश यात्रा के दुर्गा भवानी मंदिर की ओर रवाना होते ही श्रद्धालुओं के जयकारों से सम्पूर्ण क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. महिलाओं ने पौराणिक मांगलों से जल कलश यात्रा की अगुवाई की.
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कलश यात्रा के प्रधान कलश से मां दुर्गा भवानी का जलाभिषेक किया गया और शेष कलशों का जल श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया. जल कलश यात्रा में शामिल पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में जल कलश यात्रा की परंपरा काफी प्राचीन है. वहीं, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भटट् ने कहा कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान के पावन मौके पर निकाली गई जल कलश यात्रा के दर्शन करने से मानव जीवन धन्य हो जाता है. उधर केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि जल कलश यात्रा का जल ग्रहण करने का महात्म्य गंगा स्नान के समान है.
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वहीं, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष अरविंद रावत ने बताया कि नव निर्मित मां दुर्गा मंदिर में पारेश्वर त्रिवेदी द्वारा मूर्ति भेंट की गई. इस मौके पर प्रधान रांसी मनोरमा देवी, वन पंचायत सरपंच देवेंद्र सिंह रावत, ममंद अध्यक्ष शर्मिला देवी और नयुमंद अध्यक्ष यशवंत चैधरी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे.