देहरादून/रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में भव्य सैन्य धाम बनाया जाएगा. इसी कड़ी में 'शहीद सम्मान यात्रा' के लिए कलश यात्रा वाहन को गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के लिए रवाना किया गया. इन कलश यात्रा वाहन को अशोक चक्र विजेता शहीद की वीरांगनाओं विनीता बिष्ट और शांति वोहरा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. सैन्य धाम के लिए राज्य के शहीद परिवारों के आंगन से पवित्र मिट्टी एकत्र कर लाई जाएगी. साथ ही शहीदों के स्वजनों को सम्मानित भी किया जाएगा.
बता दें कि आगामी 21 अक्टूबर को चमोली के सवाड़ गांव और 24 अक्टूबर को पिथौरागढ़ के मूनाकोट से 'शहीद सम्मान यात्रा' का शुभारंभ होना है. जिसे लेकर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के कैंट रोड स्थित कैंप कार्यालय से 'शहीद सम्मान यात्रा' के प्रचार रथों को रवाना किया गया. इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 14,500 करोड़ की धनराशि वन रैंक वन पेंशन के लिए जारी की. प्रधानमंत्री ने कहा था कि वीर भूमि उत्तराखंड में चार धामों के अलावा पांचवां धाम सैन्य धाम होना चाहिए.
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इसी क्रम में सैन्य धाम निर्माण के लिए शहीदों के घरों से पवित्र मिट्टी लाने की मुहिम आज से शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि आगामी 24 अक्टूबर को पिथौरागढ़ के मूनाकोट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 'शहीद सम्मान यात्रा' का शुभारंभ करने पहुंच रहे हैं. राज्य में बन रहा सैन्य धाम इतना भव्य होगा कि उत्तराखंड आने वाले पर्यटक चारों धामों के अलावा पांचवें धाम सैन्य धाम के दर्शन किए बिना नहीं जाएंगे.
रुद्रप्रयाग के तीनों विकासखंडों से 52 शहीदों का होगा सम्मानः भारतीय सेना में सेवा के दौरान शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया जा रहा है. रुद्रप्रयाग जिले के विकासखंड जखोली में 11 नवंबर, जबकि 16 नवंबर को विकासखंड अगस्त्यमुनि व ऊखीमठ में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को ताम्र पत्र के साथ ही प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा.
रुद्रप्रयाग विकास भवन सभागार कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य क्षेत्र है. जहां औसतन प्रत्येक पांचवें परिवार से एक व्यक्ति सेना से जुड़ा है. पूरे देश में उत्तराखंड सैनिकों का गौरवशाली इतिहास रहा है. यहां की सैनिक पृष्ठ भूमि को देखकर ही देश के प्रधानमंत्री ने यहां का पांचवां धाम सैन्य धाम बताया है.
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उन्होंने कहा कि देश की रक्षा में अपने प्राण बलिदान करने वाले वीर शहीदों पर हम सभी को गर्व है. केंद्र व राज्य सरकार की ओर से सैनिकों और उनके हितों में अनेक फैसले लिए जा रहे हैं. वन रैंक, वन पेंशन जैसी अनेक उपलब्धियां हैं, जो सैनिकों के हित में ली गई हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसी भी सैनिक का यदि सचिवालय में कार्य है तो उनके लिए पास बनाने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है.
सैनिकों के हितों को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है. यही कारण है कि शहीद सम्मान यात्रा की भी सैनिकों व उनके आश्रितों की ओर से सराहना की जा रही है. साथ ही बताया कि पूरे प्रदेश में शहीद सम्मान यात्रा के अंतर्गत करीब 1700 शहीद सैनिकों के परिवारों को सम्मानित किया जाएगा.
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पूर्व जिला सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर अनुसूया सिंह बिष्ट ने बताया कि जिले में सात से आठ हजार पूर्व सैनिक हैं. तीनों विकास खंडों में 52 शहीदों का चिन्हीकरण कर लिया गया है, जिनके परिजनों को विकास खंड स्तर पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों की ओर से ताम्र पत्र व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा.