रुद्रप्रयाग: जनपद में बाहरी राज्यों से बीमार मुर्गे पहुंचाने के मामले ने जोर पकड़ लिया है. स्थानीय लोगों की ओर से इसका विरोध लगातार जारी है लेकिन कार्रवाई के नाम पर मात्र चालान काटकर इतिश्री की जा रही है. इससे नाराज होकर लोगों ने मुर्गों के स्वास्थ्य परीक्षण की मांग की है.
दरअसल, हरियाणा नंबर के वाहन से रुद्रप्रयाग में मुर्गे पहुंचे थे जो बुरी हालत में थे, जिसके बाद कुछ स्थानीय युवाओं ने केदारनाथ हाईवे पर वाहन रोका और पुलिस को बुलाकर विरोध किया. बाद में पुलिस ने मुर्गों के वाहन को अपने कब्जे में लेकर मुर्गों के स्वास्थ्य परीक्षण की बात कही लेकिन शाम होते-होते मुर्गों का वाहन गायब हो गया. स्थानीय लोगों ने जब इस संबंध में पुलिस से पूछा तो पुलिस का यह कहना था कि वाहन का चालान किया गया है और स्वास्थ्य परीक्षण में मुर्गे सही पाये गये हैं.
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स्थानीय लोग पुलिस की इस बात से संतुष्ट नहीं हुये और उन्होंने वाहन की खोजबीन शुरू की. इस दौरान यह पाया गया कि रात के समय बदरीनाथ हाईवे पर खांखरा में उन मुर्गों को दूसरे वाहन में भरा जा रहा था. इस बीच युवा वहां पहुंचे और विरोध किया. बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची और वाहन का चालान काटकर मुर्गों के वाहन को वापस भेज दिया.
स्थानीय जनप्रतिनिधियों व लोगों का कहना है कि प्रशासन की मिलीभगत से बाहरी राज्यों के सड़े-गले मुर्गें रुद्रप्रयाग पहुंचाये जा रहे हैं और आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा है. इस तरह की लापरवाही किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
उधर, रुद्रप्रयाग कोतवाली निरीक्षक कुंवर सिंह बिष्ट ने बताया कि दो वाहनों का चालान करने के बाद मुर्गों से भरे वाहन को वापस भेजा गया है और स्वास्थ्य परीक्षण के बाद रिपोर्ट में यह बताया गया था कि मुर्गे खाने योग्य हैं.