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रुद्रप्रयाग: जिला अस्पताल में दो माह से बंद पड़ी है अल्ट्रासाउंड मशीन - rudraprayag district hospital updates

रुद्रप्रयाग के जिला अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन पिछले दो महीने से खराब पड़ी है. ऐसे में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश चंद्र सेमवाल का कहना है कि दो सप्ताह के भीतर अस्पताल को नई अल्ट्रासाउंड मशीन मिल जाएगी.

ultrasound in rudraprayag district hospital
दो माह से बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड मशीन.
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Published : Sep 26, 2020, 1:37 PM IST

रुद्रप्रयाग: जनपद के सबसे बड़े अस्पताल में पिछले दो माह से अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पड़ी है. जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने के चलते प्रेग्नेंट महिलाओं के साथ ही अन्य मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को अल्ट्रासाउंड के लिए मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ रहा है, जहां कम से कम हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

दो माह से बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड मशीन.

ऐसे में सबसे अधिक समस्या गरीब लोगों को हो रही है. बता दें कि यह मशीन जिला अस्पताल में करीब दस वर्ष पहले स्थापित हुई थी. पहले भी यह मशीन कई बार खराब होती रही है और इसे इंजीनियर ठीक कर देते थे. लेकिन इस बार मशीन के खराब होने पर इंजीनियरों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में दो महीने पहले अस्पताल प्रशासन ने मशीन को सीज कर दिया था. तब से जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है.

यह भी पढे़ं-समर्थ महिलाओं से मिलीं SSP, घरेलू उत्पाद बनाकर बनीं आत्मनिर्भर

वहीं जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने अस्पताल पहुंचकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से इस संबंध में वार्ता की. उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाउंड की सुविधा न मिलने से आम लोगों को परेशानी हो रही है. अस्पताल प्रशासन को जल्द मशीन की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि मरीजों को इसका लाभ मिल सके.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश चंद्र सेमवाल ने बताया कि नई मशीन के लिए पूर्व में दो बार टेंडर निकाले गए थे, लेकिन एक फर्म द्वारा ही टेंडर भरने से टेंडर निरस्त करने पड़े. तीसरी बार टेंडर के जरिये अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए फर्म का चयन कर लिया गया है. दो सप्ताह के भीतर अस्पताल को नई अल्ट्रासाउंड मशीन मिल जाएगी.

रुद्रप्रयाग: जनपद के सबसे बड़े अस्पताल में पिछले दो माह से अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पड़ी है. जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन खराब होने के चलते प्रेग्नेंट महिलाओं के साथ ही अन्य मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को अल्ट्रासाउंड के लिए मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ रहा है, जहां कम से कम हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

दो माह से बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड मशीन.

ऐसे में सबसे अधिक समस्या गरीब लोगों को हो रही है. बता दें कि यह मशीन जिला अस्पताल में करीब दस वर्ष पहले स्थापित हुई थी. पहले भी यह मशीन कई बार खराब होती रही है और इसे इंजीनियर ठीक कर देते थे. लेकिन इस बार मशीन के खराब होने पर इंजीनियरों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में दो महीने पहले अस्पताल प्रशासन ने मशीन को सीज कर दिया था. तब से जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है.

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वहीं जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने अस्पताल पहुंचकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से इस संबंध में वार्ता की. उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाउंड की सुविधा न मिलने से आम लोगों को परेशानी हो रही है. अस्पताल प्रशासन को जल्द मशीन की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि मरीजों को इसका लाभ मिल सके.

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश चंद्र सेमवाल ने बताया कि नई मशीन के लिए पूर्व में दो बार टेंडर निकाले गए थे, लेकिन एक फर्म द्वारा ही टेंडर भरने से टेंडर निरस्त करने पड़े. तीसरी बार टेंडर के जरिये अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए फर्म का चयन कर लिया गया है. दो सप्ताह के भीतर अस्पताल को नई अल्ट्रासाउंड मशीन मिल जाएगी.

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