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रुद्रप्रयाग: डबल लेन होगी 60 के दशक में बनी सुरंग, एनएचएआई ने केन्द्र को भेजा प्रस्ताव - बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम

केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने वाली सुरंग को सिंगल लेन कि जगह डबल लेन बनाने के लिए एनएचएआई ने केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेज है, जिसके बाद टीएचडीसी द्वारा सुरंग का सर्वेक्षण किया गया. वहीं, सुरंग के सर्वे के लिए केन्द्र की तरफ से 12 लाख रुपये भी स्वीकृत किए जा चुके हैं.

Rudraprayag
डबल लेन होगी सुरंग
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Published : Mar 17, 2020, 9:09 PM IST

रुद्रप्रयाग: 1960 के दशक में केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए बनाई गई सुरंग अब डबल लेन होगी. वहीं, सुरंग को सिंगल लेन कि जगह डबल लेन करने के लिए एनएचएआई ने केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा था, जिसके बाद टीएचडीसी द्वारा सुरंग का सर्वेक्षण भी किया गया है. बता दें कि सुरंग के सर्वे के लिए केन्द्र की तरफ से 12 लाख रुपये भी स्वीकृत किए जा चुके हैं.

बता दें, 60 के दशक में गौरीकुंड हाईवे पर केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए सुंरग का निर्माण किया गया था. वहीं, सुरंग देख-रेख न होने के कारण आज जर्जर स्थिति में है. सुरंग पर लगाई गई सीमेंट की ईटें भी टूट रही हैं, जिससे यहां से गुजरने वाले वाहनों को हर समय खतरा बना रहता है. पूर्व में कई बार यात्रा शुरू होने से पहले जर्जर सुरंग को ठीक करने का प्रयास भी किया गया, लेकिन इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

डबल लेन होगी सुरंग

पढ़े: टिहरी: ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी से बन रही उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग, जाम के झाम से मिलेगी निजात

वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि सुरंग के चौड़ीकरण के अलावा 900 मीटर लंबी सुरंग का भी निर्माण किया जायेगा. इसके लिये प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिया गया है. उनका कहना है कि सुरंग का नवनिर्माण हो जाने से बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री रुद्रप्रयाग बाजार से नहीं गुजरेंगे, जिससे रुद्रप्रयाग बजार में जाम नहीं लगेगा.

रुद्रप्रयाग: 1960 के दशक में केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए बनाई गई सुरंग अब डबल लेन होगी. वहीं, सुरंग को सिंगल लेन कि जगह डबल लेन करने के लिए एनएचएआई ने केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा था, जिसके बाद टीएचडीसी द्वारा सुरंग का सर्वेक्षण भी किया गया है. बता दें कि सुरंग के सर्वे के लिए केन्द्र की तरफ से 12 लाख रुपये भी स्वीकृत किए जा चुके हैं.

बता दें, 60 के दशक में गौरीकुंड हाईवे पर केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए सुंरग का निर्माण किया गया था. वहीं, सुरंग देख-रेख न होने के कारण आज जर्जर स्थिति में है. सुरंग पर लगाई गई सीमेंट की ईटें भी टूट रही हैं, जिससे यहां से गुजरने वाले वाहनों को हर समय खतरा बना रहता है. पूर्व में कई बार यात्रा शुरू होने से पहले जर्जर सुरंग को ठीक करने का प्रयास भी किया गया, लेकिन इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

डबल लेन होगी सुरंग

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वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि सुरंग के चौड़ीकरण के अलावा 900 मीटर लंबी सुरंग का भी निर्माण किया जायेगा. इसके लिये प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिया गया है. उनका कहना है कि सुरंग का नवनिर्माण हो जाने से बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री रुद्रप्रयाग बाजार से नहीं गुजरेंगे, जिससे रुद्रप्रयाग बजार में जाम नहीं लगेगा.

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