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रुद्रप्रयाग: 50 दिन चली केदारनाथ यात्रा, व्यापारियों के चेहरों पर लौटी 'मुस्कान'

केदारनाथ धाम के कपाट शनिवार 6 नवंबर को सुबह 8 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए हैं. इस बार केदारनाथ यात्रा कुल 50 दिन चली है. इतने कम समय में केदारनाथ यात्रा से व्यापारियों की मुसीबतें कुछ हद तक कम हुईं हैं. तो वहीं, 36 दिनों में 6 हेली कंपनियों ने तकरीबन 40 करोड़ की कमाई की है.

Chardham Yatra 2021
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Published : Nov 7, 2021, 5:18 PM IST

रुद्रप्रयाग: कोरोना महामारी के इस साल भी हावी होने के बावजूद केदारघाटी का व्यापार अच्छा खासा रहा. मात्र 50 दिन ही केदारनाथ की यात्रा संचालित हो पाई, जिसमें 2 लाख 43 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए. इस कम समय में दर्शनार्थियों का नया रिर्काड बन गया है. इससे केदारघाटी में व्यापार से जुड़े लोगों की आमदनी को भी बल मिला.

बता दें, इस साल 17 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा का संचालन नहीं होने से 4 माह तक धाम में सन्नाटा पसरा रहा. इस दौरान केदारनाथ में मुख्य पुजारी बागेश लिंग व देवस्थानम बोर्ड के 10 से 12 कर्मचारी ही मौजूद रहे. नित्य पूजा-अर्चना के बीच केदारपुरी में 4 माह तक भगवान के कीर्तन-भजन ही गूंजते रहे. बीते 18 सितंबर को हाईकोर्ट से मिली परमिशन के बाद यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया तो केदारघाटी में रौनक लौट आई.

सीमित संख्या कारण तीर्थ यात्रियों में रहा रोष: हाईकोर्ट की ओर से यात्रियों की सीमित संख्या के आदेश से केदारघाटी के व्यापारियों में आक्रोश फैल गया. इस दौरान तीर्थयात्री हजारों की संख्या में चारधामों में तो पहुंचे मगर उन्हें भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. हर दिन जहां 800 तीर्थयात्रियों को केदारनाथ भेजने की परमिशन से तीर्थ यात्रियों को कई मुसीबतों से जूझना पड़ा. वहीं, हजारों में पहुंचे तीर्थयात्रियों ने सड़कों में अपनी रातों को गुजारा.

हाईकोर्ट ने खत्म की बाध्यता: धामी सरकार ने पुनः हाईकोर्ट में पैरवी की और हाईकोर्ट ने 5 अक्टूबर से यात्रा को पूरी तरह से खोल दिया. ई-पास की बाध्यता खत्म होने के बाद आस्था का सैलबा उमड़ा पड़ा, जिससे जिले के कारोबार को भी गति मिली. 18 से 30 सितंबर तक 13 दिनों में केदारनाथ में जहां सिर्फ 9,025 श्रद्धालु पहुंचे थे. वहीं, 1 से 31 अक्तूबर तक रिकॉर्ड 2 लाख 14 हजार 591 शिव भक्तों ने केदारनाथ में दर्शन किए. वहीं, 1 से 6 नवंबर तक 6,084 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.

मात्र 50 दिनों की यात्रा में अक्तूबर माह में धाम में औसतन दस से बारह हजार यात्री पहुंचे, जिससे रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, ऊखीमठ, फाटा, सोनप्रयाग से केदारनाथ तक कारोबार का पहिया भी तेजी से घूमने लगा.

पढ़ें- केदारनाथ धाम में पहुंचे 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु, यात्रा से जुड़े लोगों की आर्थिकी सुधरी

श्री केदार होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी, उपाध्यक्ष प्रमोद नौटियाल, सचिव नितिन जमलोकी ने बताया कि बीते वर्ष से कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक गतिविधियां सीमित हो रखी थीं मगर यात्रा ने कारोबार को पटरी पर लाने का काम किया, जिससे हर कारोबारी की आमदनी को बल मिला है और व्यापारियों में काफी खुशी भी है.

वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ यात्रा में 36 दिनों में 6 हेली कंपनियों के हेलीकॉप्टर ने मोटी कमाई की. गुप्तकाशी, बड़ासू, फाटा, शेरसी व सोनप्रयाग से बीते एक अक्तूबर से 5 नवंबर तक हेली कंपनियों ने 28 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को केदारनाथ पहुंचाया, जबकि 22 हजार से अधिक को दर्शन कर वापस भी लाए. इस दौरान हेलीकॉप्टर कंपनियों ने लगभग 40 करोड़ की कमाई की.

रुद्रप्रयाग: कोरोना महामारी के इस साल भी हावी होने के बावजूद केदारघाटी का व्यापार अच्छा खासा रहा. मात्र 50 दिन ही केदारनाथ की यात्रा संचालित हो पाई, जिसमें 2 लाख 43 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए. इस कम समय में दर्शनार्थियों का नया रिर्काड बन गया है. इससे केदारघाटी में व्यापार से जुड़े लोगों की आमदनी को भी बल मिला.

बता दें, इस साल 17 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा का संचालन नहीं होने से 4 माह तक धाम में सन्नाटा पसरा रहा. इस दौरान केदारनाथ में मुख्य पुजारी बागेश लिंग व देवस्थानम बोर्ड के 10 से 12 कर्मचारी ही मौजूद रहे. नित्य पूजा-अर्चना के बीच केदारपुरी में 4 माह तक भगवान के कीर्तन-भजन ही गूंजते रहे. बीते 18 सितंबर को हाईकोर्ट से मिली परमिशन के बाद यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया तो केदारघाटी में रौनक लौट आई.

सीमित संख्या कारण तीर्थ यात्रियों में रहा रोष: हाईकोर्ट की ओर से यात्रियों की सीमित संख्या के आदेश से केदारघाटी के व्यापारियों में आक्रोश फैल गया. इस दौरान तीर्थयात्री हजारों की संख्या में चारधामों में तो पहुंचे मगर उन्हें भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. हर दिन जहां 800 तीर्थयात्रियों को केदारनाथ भेजने की परमिशन से तीर्थ यात्रियों को कई मुसीबतों से जूझना पड़ा. वहीं, हजारों में पहुंचे तीर्थयात्रियों ने सड़कों में अपनी रातों को गुजारा.

हाईकोर्ट ने खत्म की बाध्यता: धामी सरकार ने पुनः हाईकोर्ट में पैरवी की और हाईकोर्ट ने 5 अक्टूबर से यात्रा को पूरी तरह से खोल दिया. ई-पास की बाध्यता खत्म होने के बाद आस्था का सैलबा उमड़ा पड़ा, जिससे जिले के कारोबार को भी गति मिली. 18 से 30 सितंबर तक 13 दिनों में केदारनाथ में जहां सिर्फ 9,025 श्रद्धालु पहुंचे थे. वहीं, 1 से 31 अक्तूबर तक रिकॉर्ड 2 लाख 14 हजार 591 शिव भक्तों ने केदारनाथ में दर्शन किए. वहीं, 1 से 6 नवंबर तक 6,084 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.

मात्र 50 दिनों की यात्रा में अक्तूबर माह में धाम में औसतन दस से बारह हजार यात्री पहुंचे, जिससे रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, ऊखीमठ, फाटा, सोनप्रयाग से केदारनाथ तक कारोबार का पहिया भी तेजी से घूमने लगा.

पढ़ें- केदारनाथ धाम में पहुंचे 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु, यात्रा से जुड़े लोगों की आर्थिकी सुधरी

श्री केदार होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी, उपाध्यक्ष प्रमोद नौटियाल, सचिव नितिन जमलोकी ने बताया कि बीते वर्ष से कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक गतिविधियां सीमित हो रखी थीं मगर यात्रा ने कारोबार को पटरी पर लाने का काम किया, जिससे हर कारोबारी की आमदनी को बल मिला है और व्यापारियों में काफी खुशी भी है.

वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ यात्रा में 36 दिनों में 6 हेली कंपनियों के हेलीकॉप्टर ने मोटी कमाई की. गुप्तकाशी, बड़ासू, फाटा, शेरसी व सोनप्रयाग से बीते एक अक्तूबर से 5 नवंबर तक हेली कंपनियों ने 28 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को केदारनाथ पहुंचाया, जबकि 22 हजार से अधिक को दर्शन कर वापस भी लाए. इस दौरान हेलीकॉप्टर कंपनियों ने लगभग 40 करोड़ की कमाई की.

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