रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित ने देवस्थानम बोर्ड पर पौराणिक परम्पराओं के साथ खिलवाड़ करने में लगा है. उनका कहना है कि केदारनाथ धाम कपाट खुले तीन माह का समय हो चुका है, लेकिन अभीतक एक भी दिन सुबह और शाम के समय होने वाली महा आरती में ढोल-दमाऊ नहीं बजा है, जो सरासर गलत है. इससे देश-विदेश में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है.
तीर्थ पुरोहित ने बताया कि पंचकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से जब बाबा केदार की डोली रवाना होती है तो भक्त ढोल-दमाऊ की थाप नृत्य करते हुए धाम पहुंचते हैं. ये ढोल-दमाऊ पूरे छह महीने तक सुबह-शाम की आरती में बजाए जाते हैं, लेकिन इस साल कपाट खुलने से लेकर अभीतक ये परंपरा नहीं निभाई गई. इन परंपराओं को निर्वहन न होने से श्रद्धालुओं में भी आक्रोश बना हुआ है.
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केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि केदारनाथ धाम में वर्षों पुरानी परम्परा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. परम्परा अनुसार सुबह और शाम की महाआरती में ढोल दमाऊ बजाया जाना था, मगर ऐसा नहीं किया जा रहा हैं. देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद से केदारनाथ धाम में परम्पराओं से छेड़छाड़ किया गया है.