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तीर्थ पुरोहितों ने दी धमकी- 'देवस्थानम बोर्ड भंग न हुआ तो केदारघाटी में होगा जन आंदोलन'

केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि जब से देवस्थानम बोर्ड ( Devasthanam Board) बना है, तब से तीर्थपुरोहित लगातार विरोध कर रहे हैं. बीते दिन गुप्तकाशी में विरोध प्रदर्शन के दौरान केदारनाथ तीर्थ पुरोहितों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी सक्रिय भागीदारी की है, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है.

mass movement against devasthanam board in rudraprayag
देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ केदारघाटी में होगा जन आंदोलन
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Published : Nov 28, 2021, 4:41 PM IST

रुद्रप्रयाग: देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) को भंग करने को लेकर आंदोलित तीर्थ पुरोहितों के साथ अब स्थानीय जनप्रतिनिधि भी आगे आने लगे हैं. अब क्षेत्रीय लोगों ने साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 30 नवम्बर तक बोर्ड भंग नहीं किया गया तो विशाल और उग्र जन आंदोलन किया जाएगा.

केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि जब से देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) बना है, तब से तीर्थपुरोहित लगातार विरोध कर रहे हैं. बीते दिन गुप्तकाशी में विरोध प्रदर्शन के दौरान केदारनाथ तीर्थ पुरोहितों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी सक्रिय भागीदारी की है, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है. प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा तीस नवम्बर तक कार्रवाई का भरोसा दिया गया था, अब इसी डेटलाइन का इंतजार किया जा रहा है. यदि अब भी बोर्ड भंग न हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

पढ़ें- रुद्रप्रयाग में चक्रव्यूह मंचन देखने उमड़ा जन सैलाब, षड्यंत्र देख दुखी हुए लोग

इस मौके पर जिपंस गणेश तिवारी ने कहा कि बोर्ड से न केवल तीर्थपुरोहितों के हक हकूक प्रभावित होंगे, बल्कि व्यापारी, मजदूर और चारधाम यात्रा से जुड़े अधिकांश लोग इससे परेशानियों में पड़ जाएंगे. कहा कि सरकार द्वारा यदि जल्द इसे भंग नहीं किया गया तो जनता भी तीर्थपुरोहितों के साथ आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करेगी.

रुद्रप्रयाग: देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) को भंग करने को लेकर आंदोलित तीर्थ पुरोहितों के साथ अब स्थानीय जनप्रतिनिधि भी आगे आने लगे हैं. अब क्षेत्रीय लोगों ने साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 30 नवम्बर तक बोर्ड भंग नहीं किया गया तो विशाल और उग्र जन आंदोलन किया जाएगा.

केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि जब से देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) बना है, तब से तीर्थपुरोहित लगातार विरोध कर रहे हैं. बीते दिन गुप्तकाशी में विरोध प्रदर्शन के दौरान केदारनाथ तीर्थ पुरोहितों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी सक्रिय भागीदारी की है, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है. प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा तीस नवम्बर तक कार्रवाई का भरोसा दिया गया था, अब इसी डेटलाइन का इंतजार किया जा रहा है. यदि अब भी बोर्ड भंग न हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

पढ़ें- रुद्रप्रयाग में चक्रव्यूह मंचन देखने उमड़ा जन सैलाब, षड्यंत्र देख दुखी हुए लोग

इस मौके पर जिपंस गणेश तिवारी ने कहा कि बोर्ड से न केवल तीर्थपुरोहितों के हक हकूक प्रभावित होंगे, बल्कि व्यापारी, मजदूर और चारधाम यात्रा से जुड़े अधिकांश लोग इससे परेशानियों में पड़ जाएंगे. कहा कि सरकार द्वारा यदि जल्द इसे भंग नहीं किया गया तो जनता भी तीर्थपुरोहितों के साथ आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करेगी.

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