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बदहाल है त्रियुगीनारायण मंदिर तक पहुंचने वाला सड़क मार्ग, पार्किंग ने भी बढ़ाई परेशानी

वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान बना रहे त्रियुगीनारायण मंदिर तक पहुंचने वाला सड़क मार्ग बदहाल है. जिसके कारण यहां पहुंचने में लोगों को परेशानियां हो रही है. इसके साथ ही मंदिर और उसके आस पास पार्किंग की भी उचित व्यवस्था नहीं है.

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बदहाल है त्रियुगीनारायण मंदिर तक पहुंचने वाला सड़क मार्ग
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Published : Jun 25, 2023, 6:50 PM IST

रुद्रप्रयाग: जनपद के त्रियुगीनारायण गांव में भगवान शिव का भव्य मंदिर स्थापित है. इस मंदिर का नाम त्रियुगीनारायण मंदिर है. इस मंदिर को भगवान शिव और मांव पार्वती के विवाह के रूप में पहचाना जाता है. प्रत्येक वर्ष यहां कई जोड़े भगवान शिव और मां पार्वती को साक्षी मानकर विवाह के पवित्र बंधन में बंधते हैं. कहते हैं कि जिस अग्नि कुंड में भगवान शिव और मां पार्वती ने सात फेरे लिये थे, उस अग्नि में तब से लेकर आज तक निरंतर आग जलती आ रही है. इन दिनों लाखों की संख्या में भक्त भगवान त्रियुगीनारायण के दर्शन करने के लिये पहुंच रहे हैं, मगर यहां तक पहुंचने के लिए न तो सड़क सही हालत में है, और न ही यहां पार्किंग की उचित व्यवस्था है. जिसके कारण यहां पहुंचने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बता दें भगवान विष्णु का त्रियुगीनारायण मंदिर केदारनाथ यात्रा के सबसे मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग से 12 किमी दूर त्रियुगीनारायण गांव में स्थित है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर भगवान विष्णु के बामन अवतार का मंदिर है. त्रेता युग में इसी मंदिर में भगवान शिव और मां पार्वती ने भगवान विष्णु को साक्षी मानकर सात फेरे लिये थे. मंदिर में स्थित जिस अग्नि कुंड में भगवान शिव और मां पार्वती ने सात फेरे लिये थे, उस अग्नि कुंड में तब से लेकर अब तक अग्नि निरंतर प्रज्जवलित होती रहती है. कहते हैं कि यह अग्नि तब से लेकर आज तक कभी बुझी नहीं है.

पढ़ें- शिव-पार्वती विवाह स्थल को पिकनिक स्पॉट बनाने का आरोप, त्रियुगीनारायण के ग्रामीणों ने की ये मांग

प्रत्येक वर्ष इस मंदिर में कई भक्त भगवान शिव और मां पार्वती को साक्षी मानकर विवाह के बंधन में बंधते हैं. इस मंदिर में कई बड़े नेता और सेलिब्रिटी भी विवाह कर चुके हैं. आज त्रियुगीनारायण भगवान का मंदिर वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी प्रसिद्ध हो चुका है. देश के कई हिस्सों के लोग यहां विवाह करने के लिये पहुंचते हैं. इन दिनों यहां भक्तों का तांता लगा हुआ है. भक्त केदारनाथ यात्रा करने के साथ ही भगवान त्रियुगीनारायण के दर्शनों के लिये भी पहुंच रहे हैं. त्रियुगीनारायण मंदिर जाने के लिये कोई पैदल दूरी तय नहीं करनी होती है. यह मंदिर सड़क के निकट ही स्थित है. केदारनाथ यात्रा के सबसे अहम पड़ाव सोनप्रयाग से मात्र 12 किमी दूर भगवान त्रियुगीनारायण का मंदिर स्थित है.

पढ़ें- शिव-शक्ति विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर पहुंचे क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, मैनेजर की शादी में हुए शामिल

त्रियुगीनारायण मंदिर के पुजारी विश्वेश्वर भट्ट एवं स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. यहां पर प्रत्येक वर्ष कई लोग मां-पार्वती और भगवान शिव को साक्षी मानकर विवाह करते हैं. उन्होंने कहा यहां पार्किंग की सुविधा के अलावा सड़क की स्थिति सुधारी जाय तो और अधिक संख्या में भक्त यहां पहुंच सकते हैं.

रुद्रप्रयाग: जनपद के त्रियुगीनारायण गांव में भगवान शिव का भव्य मंदिर स्थापित है. इस मंदिर का नाम त्रियुगीनारायण मंदिर है. इस मंदिर को भगवान शिव और मांव पार्वती के विवाह के रूप में पहचाना जाता है. प्रत्येक वर्ष यहां कई जोड़े भगवान शिव और मां पार्वती को साक्षी मानकर विवाह के पवित्र बंधन में बंधते हैं. कहते हैं कि जिस अग्नि कुंड में भगवान शिव और मां पार्वती ने सात फेरे लिये थे, उस अग्नि में तब से लेकर आज तक निरंतर आग जलती आ रही है. इन दिनों लाखों की संख्या में भक्त भगवान त्रियुगीनारायण के दर्शन करने के लिये पहुंच रहे हैं, मगर यहां तक पहुंचने के लिए न तो सड़क सही हालत में है, और न ही यहां पार्किंग की उचित व्यवस्था है. जिसके कारण यहां पहुंचने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बता दें भगवान विष्णु का त्रियुगीनारायण मंदिर केदारनाथ यात्रा के सबसे मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग से 12 किमी दूर त्रियुगीनारायण गांव में स्थित है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर भगवान विष्णु के बामन अवतार का मंदिर है. त्रेता युग में इसी मंदिर में भगवान शिव और मां पार्वती ने भगवान विष्णु को साक्षी मानकर सात फेरे लिये थे. मंदिर में स्थित जिस अग्नि कुंड में भगवान शिव और मां पार्वती ने सात फेरे लिये थे, उस अग्नि कुंड में तब से लेकर अब तक अग्नि निरंतर प्रज्जवलित होती रहती है. कहते हैं कि यह अग्नि तब से लेकर आज तक कभी बुझी नहीं है.

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प्रत्येक वर्ष इस मंदिर में कई भक्त भगवान शिव और मां पार्वती को साक्षी मानकर विवाह के बंधन में बंधते हैं. इस मंदिर में कई बड़े नेता और सेलिब्रिटी भी विवाह कर चुके हैं. आज त्रियुगीनारायण भगवान का मंदिर वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी प्रसिद्ध हो चुका है. देश के कई हिस्सों के लोग यहां विवाह करने के लिये पहुंचते हैं. इन दिनों यहां भक्तों का तांता लगा हुआ है. भक्त केदारनाथ यात्रा करने के साथ ही भगवान त्रियुगीनारायण के दर्शनों के लिये भी पहुंच रहे हैं. त्रियुगीनारायण मंदिर जाने के लिये कोई पैदल दूरी तय नहीं करनी होती है. यह मंदिर सड़क के निकट ही स्थित है. केदारनाथ यात्रा के सबसे अहम पड़ाव सोनप्रयाग से मात्र 12 किमी दूर भगवान त्रियुगीनारायण का मंदिर स्थित है.

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त्रियुगीनारायण मंदिर के पुजारी विश्वेश्वर भट्ट एवं स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. यहां पर प्रत्येक वर्ष कई लोग मां-पार्वती और भगवान शिव को साक्षी मानकर विवाह करते हैं. उन्होंने कहा यहां पार्किंग की सुविधा के अलावा सड़क की स्थिति सुधारी जाय तो और अधिक संख्या में भक्त यहां पहुंच सकते हैं.

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