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जनता ने की बसुकेदार ITI को फिर शुरू करने की मांग, CM को भेजा ज्ञापन

रुद्रप्रयाग बसुकेदार आईटीआई की दोबारा शुरू करने की मांग पर स्थानीय लोगों ने बसुकेदार में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि मैकेनिकल और फिटर ट्रेड से शुरू हुआ संस्थान 2019 में बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि पूरी सीटें भरी होने के बावजूद आईटीआई को बंद किया गया. लोगों ने सीएम को ज्ञापन भी भेजा.

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रुद्रप्रयाग
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Published : Oct 25, 2021, 4:07 PM IST

रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग में 2 साल से बंद पड़े आईटीआई के दोबारा संचालित न होने पर जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता ने बसुकेदार में प्रदर्शन किया. इस मौके पर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा.

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बसुकेदार के फिर से संचालन को लेकर स्थानीय जनता ने आंदोलन का मन बना दिया है. इसी क्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जनता ने बसुकेदार में सांकेतिक प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस मौके पर तहसील परिसर बसुकेदार में जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने धरना देते हुए संघर्ष समिति का गठन किया, जिसमें अध्यक्ष की जिम्मेदारी भगवती प्रसाद भट्ट और महामंत्री राजेश बिष्ट को नामित किया गया.

उपाध्यक्ष पद पर सज्जन सिंह नेगी, आशा देवी, सचिव सुमन सिंह रौथाण, शिवानंद नौटियाल, बलवीर राणा, आलोक नेगी, धर्मेंद्र सिंह, जगमोहन सिंह को नामित किया गया. सह सचिव की जिम्मेदारी मनोज लाल, मनीषा देवी, कुसुमा देवी, बलवीर चौधरी मनोज बिष्ट, मोहन भंडारी, लीना राणा को सौंपी गई. कोषाध्यक्ष प्रेम सिंह भंडारी, एवं सह कोषाध्यक्ष महावीर भंडारी को बनाया गया. मीडिया प्रभारी भानुप्रकाश भट्ट को बनाया गया. वहीं, संरक्षक मंडल में मोहित डिमरी, विजयपाल राणा, सुदर्शन भंडारी को नामित किया गया.

ये भी पढ़ेंः अंग्रेज कर्नल की बेटी जो बनी सबकी दीदी, समाजसेवा को समर्पित एलिजाबेथ व्हीलर

इस मौके पर नवनियुक्त पदाधिकारियों ने कहा कि स्थानीय युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में बसुकेदार में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की स्थापना की गई थी. मैकेनिकल और फिटर ट्रेड से शुरू हुआ यह संस्थान 2019 में बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पूरी सीटें भरी होने के बावजूद आईटीआई को बंद किया गया.

स्थानीय लोगों ने कहा कि आईटीआई के लिए डालसिंगी के ग्रामीणों ने अपनी जमीन भी निशुल्क दी है. जिस पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था. लेकिन अचानक निर्माण कार्य भी बंद कर दिया गया. विकास की दृष्टि से यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है. आईटीआई के स्थापित होने से स्थानीय युवाओं को एक उम्मीद की किरण जगी थी. अधिकतर लोग गरीब होने के चलते अपने बच्चों को इंटरमीडिएट के बाद पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने आईटीआई बंद करके बच्चों का भविष्य चौपट कर दिया है. अगर जल्द आईटीआई शुरू नहीं हुआ तो स्थानीय लोगों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

ये भी पढ़ेंः सीएम धामी ने Chardham Trail को दिखाई हरी झंडी, पुराने चारधाम मार्गों को खोजेंगे ट्रैकर्स

सरकार जल्द आईटीआई शुरू करेः आईटीआई बसुकेदार के फिर संचालन को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने पूर्ण समर्थन दिया है. उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि सरकार व्यावसायिक संस्थानों को लगातार बंद कर रही है. ऐसे में युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है. आईटीआई रोजगार का बहुत बड़ा आधार है. रुद्रप्रयाग जिले में चिरबिटिया, बसुकेदार और अगस्त्यमुनि आईटीआई को बंद कर दिया गया है. आईटीआई से स्थानीय युवाओं को लाभ मिल रहा था. लेकिन अब गरीब बच्चों के सामने कई तरह के संकट खड़े हो गए हैं.

रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग में 2 साल से बंद पड़े आईटीआई के दोबारा संचालित न होने पर जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता ने बसुकेदार में प्रदर्शन किया. इस मौके पर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा.

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बसुकेदार के फिर से संचालन को लेकर स्थानीय जनता ने आंदोलन का मन बना दिया है. इसी क्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जनता ने बसुकेदार में सांकेतिक प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस मौके पर तहसील परिसर बसुकेदार में जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने धरना देते हुए संघर्ष समिति का गठन किया, जिसमें अध्यक्ष की जिम्मेदारी भगवती प्रसाद भट्ट और महामंत्री राजेश बिष्ट को नामित किया गया.

उपाध्यक्ष पद पर सज्जन सिंह नेगी, आशा देवी, सचिव सुमन सिंह रौथाण, शिवानंद नौटियाल, बलवीर राणा, आलोक नेगी, धर्मेंद्र सिंह, जगमोहन सिंह को नामित किया गया. सह सचिव की जिम्मेदारी मनोज लाल, मनीषा देवी, कुसुमा देवी, बलवीर चौधरी मनोज बिष्ट, मोहन भंडारी, लीना राणा को सौंपी गई. कोषाध्यक्ष प्रेम सिंह भंडारी, एवं सह कोषाध्यक्ष महावीर भंडारी को बनाया गया. मीडिया प्रभारी भानुप्रकाश भट्ट को बनाया गया. वहीं, संरक्षक मंडल में मोहित डिमरी, विजयपाल राणा, सुदर्शन भंडारी को नामित किया गया.

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इस मौके पर नवनियुक्त पदाधिकारियों ने कहा कि स्थानीय युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में बसुकेदार में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की स्थापना की गई थी. मैकेनिकल और फिटर ट्रेड से शुरू हुआ यह संस्थान 2019 में बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पूरी सीटें भरी होने के बावजूद आईटीआई को बंद किया गया.

स्थानीय लोगों ने कहा कि आईटीआई के लिए डालसिंगी के ग्रामीणों ने अपनी जमीन भी निशुल्क दी है. जिस पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था. लेकिन अचानक निर्माण कार्य भी बंद कर दिया गया. विकास की दृष्टि से यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है. आईटीआई के स्थापित होने से स्थानीय युवाओं को एक उम्मीद की किरण जगी थी. अधिकतर लोग गरीब होने के चलते अपने बच्चों को इंटरमीडिएट के बाद पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने आईटीआई बंद करके बच्चों का भविष्य चौपट कर दिया है. अगर जल्द आईटीआई शुरू नहीं हुआ तो स्थानीय लोगों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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सरकार जल्द आईटीआई शुरू करेः आईटीआई बसुकेदार के फिर संचालन को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने पूर्ण समर्थन दिया है. उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि सरकार व्यावसायिक संस्थानों को लगातार बंद कर रही है. ऐसे में युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है. आईटीआई रोजगार का बहुत बड़ा आधार है. रुद्रप्रयाग जिले में चिरबिटिया, बसुकेदार और अगस्त्यमुनि आईटीआई को बंद कर दिया गया है. आईटीआई से स्थानीय युवाओं को लाभ मिल रहा था. लेकिन अब गरीब बच्चों के सामने कई तरह के संकट खड़े हो गए हैं.

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