ETV Bharat / state

फर्जी डिग्री मामले में एक और शिक्षक पर गिरी गाज, विभाग ने किया निलंबित - शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षक को किया निलंबित

जिले में फर्जी डिग्री के सहारे सरकारी नौकरी करने वाले शिक्षकों पर लगातार गाज गिर रही है. शिक्षा विभाग पहले ही दस शिक्षकों को बर्खास्त कर चुका है, जबकि नौ शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) की ओर कार्रवाई की जा रही है. नौ में एक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो चुकी है.

फर्जी डिग्री मामला
फर्जी डिग्री मामला
author img

By

Published : Feb 24, 2021, 9:17 PM IST

रुद्रप्रयाग: बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने वाले एक और शिक्षक पर विभागीय कार्रवाई की गई. एसआईटी की जांच में राइंका सौंराखाल में एलटी के पद पर तैनात शिक्षक की डिग्री फर्जी पाई गई है. इसके बाद शिक्षक के खिलाफ थाने में 420 सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मण्डल पौड़ी ने शिक्षक को निलंबित करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सम्बद्ध किया है.

जिले में फर्जी डिग्री के सहारे सरकारी नौकरी करने वाले शिक्षकों पर लगातार गाज गिर रही है. शिक्षा विभाग पहले ही दस शिक्षकों को बर्खास्त कर चुका है, जबकि नौ शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) की ओर कार्रवाई की जा रही है. नौ में एक की मौत हार्ट अटैक से हो चुकी है.

पढ़ें- 17 मई को खुलेंगे चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ धाम के कपाट

बता दें कि जिले में फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षा विभाग में टीचर की नौकरी कर रहे दस शिक्षकों को पहले ही विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. जबकि नौ के खिलाफ एसआईटी की ओर से जांच की जा रही थी. इनमें से एक फर्जी शिक्षक की हार्टअटैक से पहले ही मौत हो चुकी है और आठ के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इन सभी शिक्षकों ने 1994 से 2005 के बीच अपनी बीएड की डिग्री जमा कराई थी. लेकिन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में इन वर्षो के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है. इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना गया है.

एसआईटी की ओर से इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से सिफारिश की गई थी. इसके बाद निदेशालय की ओर से तरफ से 10 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बर्खास्त किया गया था और उनसे वसूली के आदेश दिए गए थे.

शिक्षा विभाग की ओर से फर्जी आठ शिक्षकों में जखोली विकासखण्ड के राइंका सौंराखाल में तैनात सहायक अध्यापक भवानी लाल के खिलाफ कार्रवाई की गई है. शिक्षक ने साल 2005 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से बीएड की डिग्री ली थी, जिस आधार पर उन्हें अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मण्डल पौड़ी के आदेश के आधार पर 23 जुलाई 2007 में राइंका सौंराखाल में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति मिली.

एसआईटी की ओर से भवानी लाल की बीएड डिग्री की जांच चैौरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से करायी गई तो रजिस्ट्रार चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ ने भवानी लाल की बीएड की डिग्री को अपने गोपनीय अभिलेख में न पाये जाने का उल्लेख किया. इसके बाद मामले में एसआईटी को भवानी लाल के बीएड के दस्तावेज संदिग्ध प्रतीत हुए तो प्रदत्त जांच आंख्या में शिक्षक भवानी लाल के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाही के निर्देश दिए जाने के आधार पर थाना रुद्रप्रयाग में भादव 1860 की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत दस दिसम्बर 2020 को एफआईआर दर्ज की गई.

प्रकरण में अब अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा, गढ़वाल मण्डल पौड़ी ने भवानी लाल पुत्र शेरी लाल, सहायक अध्यापक राइंका सौंराखाल को तत्काल प्रभाव से निलंबन करने के आदेश जारी किए हैं. निलंबन अवधि में उन्हें खण्ड शिक्षा अधिकारी जखोली से सम्बद्ध किया गया है.

रुद्रप्रयाग: बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने वाले एक और शिक्षक पर विभागीय कार्रवाई की गई. एसआईटी की जांच में राइंका सौंराखाल में एलटी के पद पर तैनात शिक्षक की डिग्री फर्जी पाई गई है. इसके बाद शिक्षक के खिलाफ थाने में 420 सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मण्डल पौड़ी ने शिक्षक को निलंबित करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सम्बद्ध किया है.

जिले में फर्जी डिग्री के सहारे सरकारी नौकरी करने वाले शिक्षकों पर लगातार गाज गिर रही है. शिक्षा विभाग पहले ही दस शिक्षकों को बर्खास्त कर चुका है, जबकि नौ शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) की ओर कार्रवाई की जा रही है. नौ में एक की मौत हार्ट अटैक से हो चुकी है.

पढ़ें- 17 मई को खुलेंगे चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ धाम के कपाट

बता दें कि जिले में फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षा विभाग में टीचर की नौकरी कर रहे दस शिक्षकों को पहले ही विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. जबकि नौ के खिलाफ एसआईटी की ओर से जांच की जा रही थी. इनमें से एक फर्जी शिक्षक की हार्टअटैक से पहले ही मौत हो चुकी है और आठ के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इन सभी शिक्षकों ने 1994 से 2005 के बीच अपनी बीएड की डिग्री जमा कराई थी. लेकिन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में इन वर्षो के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है. इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना गया है.

एसआईटी की ओर से इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग से सिफारिश की गई थी. इसके बाद निदेशालय की ओर से तरफ से 10 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बर्खास्त किया गया था और उनसे वसूली के आदेश दिए गए थे.

शिक्षा विभाग की ओर से फर्जी आठ शिक्षकों में जखोली विकासखण्ड के राइंका सौंराखाल में तैनात सहायक अध्यापक भवानी लाल के खिलाफ कार्रवाई की गई है. शिक्षक ने साल 2005 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से बीएड की डिग्री ली थी, जिस आधार पर उन्हें अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मण्डल पौड़ी के आदेश के आधार पर 23 जुलाई 2007 में राइंका सौंराखाल में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति मिली.

एसआईटी की ओर से भवानी लाल की बीएड डिग्री की जांच चैौरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से करायी गई तो रजिस्ट्रार चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ ने भवानी लाल की बीएड की डिग्री को अपने गोपनीय अभिलेख में न पाये जाने का उल्लेख किया. इसके बाद मामले में एसआईटी को भवानी लाल के बीएड के दस्तावेज संदिग्ध प्रतीत हुए तो प्रदत्त जांच आंख्या में शिक्षक भवानी लाल के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाही के निर्देश दिए जाने के आधार पर थाना रुद्रप्रयाग में भादव 1860 की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत दस दिसम्बर 2020 को एफआईआर दर्ज की गई.

प्रकरण में अब अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा, गढ़वाल मण्डल पौड़ी ने भवानी लाल पुत्र शेरी लाल, सहायक अध्यापक राइंका सौंराखाल को तत्काल प्रभाव से निलंबन करने के आदेश जारी किए हैं. निलंबन अवधि में उन्हें खण्ड शिक्षा अधिकारी जखोली से सम्बद्ध किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.