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शिक्षक दिवस पर विशेष: तीन दशक से बच्चों को विज्ञान सिखा रहे शिक्षक हेमंत चौकियाल, जिन्हें मिलेगा पुरस्कार

आज शिक्षक दिवस है. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षक के रूप में दिए गए योगदान को हमेशा याद रखने के लिए हर साल उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसकी शुरुआत साल 1962 से हुई. आज हम आपको शिक्षक हेमंत चौकियाल के बारे में बताएंगें, जो रुद्रप्रयाग जनपद में तीन दशकों से बच्चों के बीच विज्ञान को जानने व समझने और उसके प्रचार प्रसार में लगे हैं.

teachers day special
शिक्षक दिवस पर विशेष
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Published : Sep 5, 2022, 8:52 AM IST

रुद्रप्रयाग: कई शिक्षक ऐसे हैं, जो शिक्षण कार्य के साथ देश की भावी पीढ़ी को वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं. ऐसे ही शिक्षकों के कारण आज समाज में शिक्षकों का मान बना हुआ है. ऐसे ही एक शिक्षक हेमंत चौकियाल रुद्रप्रयाग जनपद में तीन दशकों से बच्चों के बीच विज्ञान को जानने व समझने और उसके प्रचार-प्रसार में लगे हैं. उनके शिक्षक कार्यों को उत्तराखंड सरकार ने भी माना और सराहा है. राज्य सरकार ने शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया. उन्हें आज शिक्षक दिवस के मौके राजभवन देहरादून में महामहिम राज्यपाल की ओर से सम्मानित किया जायेगा.

बच्चों के बीच वैज्ञानिक गुरुजी के नाम से जाने और पहचाने जाने वाले शिक्षक हेमंत चौकियाल (Scientist Guruji Hemant Chaukiyal) मूलरूप से अगस्त्यमुनि ब्लॉक के ग्राम पंचायत धारकोट के मूल निवासी हैं. वर्तमान में अगस्त्यमुनि विकासखंड के राउप्रावि डांगी गुनाऊ में कार्यरत हैं. हेमंत चौकियाल पिछले तीन दशकों से बच्चों के साथ मिलकर कई विज्ञान बाल मेलों, लघु शोधों, एक्शन रिसर्च के कार्यों में लगे हैं.

तीन दशक से बच्चों को विज्ञान सिखा रहे हेमंत.

विज्ञान के प्रति इसी जुनून के कारण जनपद, राज्य ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, सरकारी व गैरसरकारी संगठनों ने अब तक चौकियाल को 8 दर्जन से अधिक प्रशस्ति और सम्मान से नवाजा है. अरविंदो सोसाइटी भी चौकियाल के शून्य निवेश नवाचारों का सम्मान करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र भेंट करके सम्मानित कर चुकी है.

अब तक चौकियाल कई बच्चों को विज्ञान महोत्सव, इन्सपायर अवार्ड, उड़ान, आविष्कार जैसी प्रतियोगिताओं में उनका मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करा चुके हैं. वर्ष 2016-17 में उनके छात्र रोहित रौतेला ने नदी घाटों पर पानी के ऊपर तैरते कूड़े-करकट को नदी के जल से पृथक करने के लिए उत्प्लावन के सिद्धांत पर आधारित एक संयंत्र को इजाद किया, जिसे विज्ञान महोत्सव की राष्ट्रीय प्रतियोगिता अहमदाबाद में खूब सराहा गया.

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वैज्ञानिक गुरूजी के नाम से जाने जाते हैं शिक्षक हेमंत चौकियाल

वर्ष 2017-18 में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कलियासौड़ नामक स्थान पर होने वाले भूस्खलन के लिए उनकी छात्रा आस्था भट्ट और शालिनी ने एक संयन्त्र का विकास किया, जिसे रुद्रप्रयाग के पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बहुत सराहा. 2018-19 में उनकी छात्रा आस्था भट्ट ने सड़क सुरक्षा में चुम्बकों का अनुप्रयोग का भी एक कार्यकारी मॉडल पेश करते हुए राज्य इंसपायर अवार्ड मानक प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया.
पढ़ें- उत्तराखंड के 19वें बस डिपो बागेश्वर का CM धामी ने किया लोकार्पण, जनता को दी ये सौगातें

छात्रा शालिनी ने प्रस्तावित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग में ध्यान में रखी जाने वाली 9 सावधानियां प्रस्तुत कर रेलवे मार्ग निर्माण में लगे इंजीनियरों को भी प्रभावित किया. उनकी छात्रा आंचल ने गर्ल/ओमन चाइल्ड फ्रेंडली टॉयलेट का कार्यकारी मॉडल प्रस्तुत किया. इस मॉडल में आंचल ने महिलाओं और बालिकाओं की सैनेटरी प्राब्लम और सैनेटरी अपशिष्ट के निस्तारण की विधि प्रस्तुत की है, जिसे 47वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में वर्चुअली प्रदर्शित किया गया.

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बच्चों को आसान भाषा में समझाते हैं विज्ञान की बारीकियां

चौकियाल के कई छात्रों के प्रोजेक्ट को राज्य और राष्ट्रीय स्तर की पत्र व पत्रिकाओं में स्थान मिल चुका है. साल 2021 के प्रतिष्ठित साराभाई राष्ट्रीय वैज्ञानिक शिक्षक पुरस्कार में देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया. इस पुरस्कार में उन्हें गोल्ड मेडल के साथ प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार के साथ नेशनल काउन्सिंलिग ऑफ टीचर साइंटिस्ट की फैलोशिप भी प्रदान की गई है. इस सम्मान से नवाजे जाने वाले वे उत्तर भारत के अकेले शिक्षक हैं.

रुद्रप्रयाग: कई शिक्षक ऐसे हैं, जो शिक्षण कार्य के साथ देश की भावी पीढ़ी को वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं. ऐसे ही शिक्षकों के कारण आज समाज में शिक्षकों का मान बना हुआ है. ऐसे ही एक शिक्षक हेमंत चौकियाल रुद्रप्रयाग जनपद में तीन दशकों से बच्चों के बीच विज्ञान को जानने व समझने और उसके प्रचार-प्रसार में लगे हैं. उनके शिक्षक कार्यों को उत्तराखंड सरकार ने भी माना और सराहा है. राज्य सरकार ने शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया. उन्हें आज शिक्षक दिवस के मौके राजभवन देहरादून में महामहिम राज्यपाल की ओर से सम्मानित किया जायेगा.

बच्चों के बीच वैज्ञानिक गुरुजी के नाम से जाने और पहचाने जाने वाले शिक्षक हेमंत चौकियाल (Scientist Guruji Hemant Chaukiyal) मूलरूप से अगस्त्यमुनि ब्लॉक के ग्राम पंचायत धारकोट के मूल निवासी हैं. वर्तमान में अगस्त्यमुनि विकासखंड के राउप्रावि डांगी गुनाऊ में कार्यरत हैं. हेमंत चौकियाल पिछले तीन दशकों से बच्चों के साथ मिलकर कई विज्ञान बाल मेलों, लघु शोधों, एक्शन रिसर्च के कार्यों में लगे हैं.

तीन दशक से बच्चों को विज्ञान सिखा रहे हेमंत.

विज्ञान के प्रति इसी जुनून के कारण जनपद, राज्य ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, सरकारी व गैरसरकारी संगठनों ने अब तक चौकियाल को 8 दर्जन से अधिक प्रशस्ति और सम्मान से नवाजा है. अरविंदो सोसाइटी भी चौकियाल के शून्य निवेश नवाचारों का सम्मान करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र भेंट करके सम्मानित कर चुकी है.

अब तक चौकियाल कई बच्चों को विज्ञान महोत्सव, इन्सपायर अवार्ड, उड़ान, आविष्कार जैसी प्रतियोगिताओं में उनका मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करा चुके हैं. वर्ष 2016-17 में उनके छात्र रोहित रौतेला ने नदी घाटों पर पानी के ऊपर तैरते कूड़े-करकट को नदी के जल से पृथक करने के लिए उत्प्लावन के सिद्धांत पर आधारित एक संयंत्र को इजाद किया, जिसे विज्ञान महोत्सव की राष्ट्रीय प्रतियोगिता अहमदाबाद में खूब सराहा गया.

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वैज्ञानिक गुरूजी के नाम से जाने जाते हैं शिक्षक हेमंत चौकियाल

वर्ष 2017-18 में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कलियासौड़ नामक स्थान पर होने वाले भूस्खलन के लिए उनकी छात्रा आस्था भट्ट और शालिनी ने एक संयन्त्र का विकास किया, जिसे रुद्रप्रयाग के पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बहुत सराहा. 2018-19 में उनकी छात्रा आस्था भट्ट ने सड़क सुरक्षा में चुम्बकों का अनुप्रयोग का भी एक कार्यकारी मॉडल पेश करते हुए राज्य इंसपायर अवार्ड मानक प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया.
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छात्रा शालिनी ने प्रस्तावित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग में ध्यान में रखी जाने वाली 9 सावधानियां प्रस्तुत कर रेलवे मार्ग निर्माण में लगे इंजीनियरों को भी प्रभावित किया. उनकी छात्रा आंचल ने गर्ल/ओमन चाइल्ड फ्रेंडली टॉयलेट का कार्यकारी मॉडल प्रस्तुत किया. इस मॉडल में आंचल ने महिलाओं और बालिकाओं की सैनेटरी प्राब्लम और सैनेटरी अपशिष्ट के निस्तारण की विधि प्रस्तुत की है, जिसे 47वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में वर्चुअली प्रदर्शित किया गया.

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चौकियाल के कई छात्रों के प्रोजेक्ट को राज्य और राष्ट्रीय स्तर की पत्र व पत्रिकाओं में स्थान मिल चुका है. साल 2021 के प्रतिष्ठित साराभाई राष्ट्रीय वैज्ञानिक शिक्षक पुरस्कार में देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया. इस पुरस्कार में उन्हें गोल्ड मेडल के साथ प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार के साथ नेशनल काउन्सिंलिग ऑफ टीचर साइंटिस्ट की फैलोशिप भी प्रदान की गई है. इस सम्मान से नवाजे जाने वाले वे उत्तर भारत के अकेले शिक्षक हैं.

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