रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद इस समय दो फीट तक बर्फ जमी हुई है. चारों ओर दूर तक एक बार फिर से बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है. ऐसे में प्रशासन ने अब मार्च से धाम में पुनर्निर्माण कार्य शुरू करने का फैसला लिया है. वहीं, मिनी स्विटजरलैंड चोपता-दुगलबिट्टा में हुई बर्फबारी के बाद भारी संख्या में सैलानी वहां का रुख कर रहे हैं. हालांकि बर्फ साफ न होने की वजह से दोपहिया वाहन फिसल रहे हैं.
केदारनाथ धाम की पहाड़ियां और मंदिर परिसर इन दिनों एक बार फिर से बर्फ की मोटी परत की चादर से ढक गयी हैं. धाम में हुई ताजा बर्फबारी के बाद करीब दो फीट तक बर्फ जमी हुई है. कुछ समय से बर्फबारी न होने की वजह से धाम की पहाड़ियों और मंदिर परिसर पर चढ़ी बर्फ की परत पिघल गई थी, लेकिन हाल ही में हुई बर्फबारी के बाद से मंदिर परिसर और पहाड़ियां बर्फ की चादर से दोबारा ढक गई हैं. केदारनाथ धाम के चारों ओर दूर तक जमी बर्फ से वहां का नजारा काफी मनमोहक लग रहा है.
ये भी पढ़ें: आप की सरकार से मांग, उच्च हिमालय की जल विद्युत परियोजनाओं की हो समीक्षा
अभी केदारनाथ धाम में और भी बर्फबारी होने के आसार जताए जा रहे हैं. ऐसे में प्रशासन ने मार्च से धाम में पुनर्निर्माण कार्य शुरू कराने का फैसला लिया था. जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि धाम में भारी मात्रा में बर्फबारी हुई है, जिसके कारण निर्माण कार्य शुरू कर पाना संभव नहीं है. दो सप्ताह के बाद धाम का जायजा लिया जाएगा, स्थिति ठीक रहेगी तो ही पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो सकेंगे.
ये भी पढ़ें: आपदा पीड़ितों से मिले बंशीधर भगत, अपना एक माह का वेतन देंगे
वहीं, मिनी स्विटजरलैंड के नाम से विख्यात चोपता दुगलबिट्टा में हुई बर्फबारी के बाद पर्यटकों की तादाद बढ़ रही है. रोजाना सैकड़ों की संख्या में सैलानी बर्फबारी होने के बाद के नजारे का दीदार करने पहुंच रहे हैं और खूबसूरत नजारों का लुत्फ उठा रहे हैं. हालांकि चोपता में गिरी बर्फ को साफ ना किये जाने से सड़क मार्ग पर से गुजरने वाले दोपहिया वाहन फिसल रहे हैं. इस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है.