रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पांच साल पूरे होने पर कृषि, उद्यान, जड़ी बूटी, मत्स्य, डेरी विकास विभाग ने एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया. गोष्ठी में किसानों को फसल बीमा के लाभ बताया गया. साथ ही अधिक से अधिक किसानों को फसल बीमा कराने के लिए प्रेरित किया गया. गोष्ठी में किसानों को संबोधित करते हुए जिला मुख्य कृषि अधिकारी एसएस वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पांच वर्ष पूर्व फसल बीमा योजना प्रारंभ की थी. इस योजना से लाखों किसान लाभांवित हो रहे हैं.
अब किसानों को प्रकृति के प्रकोप से फसलों को होने वाले नुकसान से काफी हद तक भरपाई हो पा रही है. गोष्ठी में कहा गया कि जनपद में इस योजना के तहत खरीफ की धान एवं मंडुवा तथा रबी की गेहूं की फसल का बीमा कराया जाता है, जबकि उद्यान विभाग की ओर से माल्टा एवं मटर का बीमा कराया जाता है. पिछले वर्ष इस योजना के तहत 1640 किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया था, जिसका कुल बीमा लाभ 160.59 लाख रुपए था. जबकि प्रीमियम मात्र 2.42 लाख रुपए जमा हुआ था.
यह भी पढ़ें-लक्सर के गांव में पहुंच गया हाथी, मचा हड़कंप
उन्होंने कहा कि फसल के नुकसान की सूचना सही समय पर संबंधित विभाग के निकटवर्ती कर्मचारी तक पहुंचाएं, बाकी कार्य कर्मचारी करेगा. किसानों की ओर से बंदरों की समस्या बताए जाने पर मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि बीते वर्ष 146 किसानों के खेतों की घेरबाड़ के लिए मनरेगा के तहत कार्य किया गया था, जो अभी भी चल रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र जाखधार के वैज्ञानिक डाॅ. संजय सचान ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती कर उपज के साथ आमदनी बढ़ाने के तरीके बताए. लाइन में बीज बोने से प्रत्येक पौधे को सही मात्रा में हवा, पानी तथा सूर्य की रोशनी मिल जाती है, जिससे उत्पादन अधिक होता है.
वहीं छोटे पौधों वाली नस्ल के बीजों, गोबर की खाद का सही प्रयोग, जैविक खाद का प्रयोग तथा प्रामाणिक बीजों को बोने से कम लागत में भी अधिक उत्पादन किया जा सकता है. कृषि विभाग के विकासखंड अधिकारी भगवती भट्ट ने पावर ट्रेलर से सामूहिक खेती और इसके लिए सरकारी मदद के बारे में विस्तार से बताया.