रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड-केदारनाथ घोड़ा खच्चर ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने सुबह चार बजे से 11 बजे तक स्थानीय लोगों के घोड़े खच्चर संचालित करने की मांग की है. साथ ही आरोप लगाया कि बाहरी जनपदों के जो घोड़े खच्चर सामान ढोने का कार्य कर रहे हैं, वो वापसी में बिना पर्ची काटे ही सवारियों को भी ला रहे हैं और बिना लाइसेंस के भी संचालित हो रहे हैं. इधर, दूसरी घोड़े खच्चर संचालकों द्वारा यात्रियों के साथ अभद्रता करने का आरोप भी लगा है.
गौरीकुंड-केदारनाथ घोड़ा खच्चर ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी कुंवर सिंह सजवान ने बताया कि केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में सामान ढोने के लिए बाहरी जनपदों के घोड़े खच्चर लगे हुए हैं. सुबह ये सामान ले जा रहे हैं और वापसी में बिना पर्ची काटे सवारी भी ला रहे हैं इनके पास लाइसेंस भी नहीं हैं. इस प्रकार का कार्य करने वाले घोड़े खच्चरों और उनके संचालकों पर रोक लगनी चाहिए.
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द्वितीय चरण की केदारनाथ यात्रा रफ्तार पकड़ चुकी है और पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े खच्चरों को लेकर शिकायत भी हो रही हैं. पैदल मार्ग पर एक यात्री पति पत्नी ने गौरीकुंड से घोड़ा खच्चर बुक किया था. रास्ते में दंपति द्वारा घोड़ा रोकने को कहने पर संचालक द्वारा अभद्रता की गई. जिसके बाद मौके पर सेक्टर अधिकारी ने घोड़े खच्चर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की.
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