रुद्रप्रयाद: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को फूल-मालाओं से भव्य तरीके से सजाया गया है. कल यहां द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली पहुंच रही है, जिसके बाद पंच केदारों के दर्शन यहां एक साथ किये जा सकते हैं. सजने के बाद मंदिर की भव्यता देखते ही बन रही है.
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल के रूप में जाना जाता है. शीतकाल के छह माह यहां भगवान केदारनाथ, द्वितीय केदार मद्महेश्वर की डोलियां विराजमान रहती हैं. इसके अलावा यहां पर नित्य तृतीय केदारनाथ तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ और पंच केदार कल्पेश्वर की पूजा-अर्चना होती है, जिस कारण ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल के रूप में जाना जाता है.
हर साल हजारों भक्त यहां पंच केदार के दर्शन करने के लिये यहां पहुंचते हैं. भगवान केदारनाथ और द्वितीय केदार मद्महेश्वर की डोली को हिमालय रवाना करते समय और हिमालय से डोलियों के मंदिर में आने पर हजारों की संख्या में यहां भक्त पहुंचते हैं.
विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकाल के छह माह के लिये विराजमान हो गये हैं, जबकि कल द्वितीय केदार मद्महेश्वर भी शीतकाल के लिये यहां विराजमान हो जाएंगे. डोली आगमन को लेकर शीतकालीन गद्दीस्थल को गेंदों के फूलों से सजाया गया है. फूलों से सजने के बाद मंदिर की भव्यता देखते ही बन रही है. स्थानीय भक्त पहले से ही यहां पहुंचकर मंदिर को सजाने में लग लगे हैं, द्वितीय केदार मद्महेश्वर की डोली के ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचते ही शीतकालीन यात्रा का विधिवत आगाज हो जायेगा.
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देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि मद्महेश्वर भगवान की डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल में पहुंचते ही शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ होगा, जिसको लेकर मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है.