देहरादून/रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा में लापता लोगों के कंकालों की खोज को लेकर पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने आज सुबह सोनप्रयाग में दस टीमों को ब्रीफ करने के बाद रवाना किया. एसपी केदारनाथ में रहकर टीमों को दिशा-निर्देश देंगे. हर टीम का नेतृत्व एक उप निरीक्षक द्वारा किया जा रहा है, जबकि टीम में दो आरक्षी जनपद पुलिस और दो आरक्षी एसडीआरएफ तथा एक फार्मासिस्ट तैनात किये गये हैं.
बता दें कि 16/17 जून 2013 की रात केदारनाथ आपदा में हजारों लोग लापता हो गए थे. आपदा के सात साल बाद भी लापता लोगों के नर कंकालों की ढूंढ जारी है. आपदा के समय लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए केदारनाथ से विभिन्न ट्रैकिंग रूटों का सहारा लिया था. मगर वे रास्ता भटक गए और उन्हें अकारण मौत का शिकार होना पड़ा. आपदा के बाद से आज तक हजारों लोगों के शव बरामद नहीं हो पाए हैं. जिस कारण नर कंकालों की ढूंढ कर डीएनए लिए जा रहे हैं. विगत वर्षों में भी आपदा में लापता लोगों के मृत शरीर व नर कंकालों की ढूंढ के लिए टीमें गठित कर सर्च अभियान चलाया गया. प्राप्त होने वाले नर कंकालों का विधिवत डीएनए सैम्पल लेने के उपरान्त रीति-रिवाज के अनुसार उनका अन्तिम संस्कार किया गया.
इस बार भी नर कंकालों की ढूंढ को लेकर दस टीमें गठित की गई हैं. इन्हें सोनप्रयाग में पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने ब्रीफ करने के बाद रवाना किया. उन्होंने बताया कि केदारनाथ आपदा में लापता हुए लोगों के मृत शरीर, नर कंकालों की खोजबीन के लिए चार दिवसीय सघन खोजबीन अभियान चलाया जा रहा है.
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प्रत्येक टीम का नेतृत्व एक उपनिरीक्षक द्वारा किया जायेगा. टीम में दो आरक्षी जनपद पुलिस से तथा दो दो आरक्षी एसडीआरएफ एवं एक फार्मासिस्ट तैनात किया गया है. गठित की गयी टीमों में जनपद रुद्रप्रयाग से तीन उपनिरीक्षक, आठ आरक्षी, जनपद चमोली से दो उपनिरीक्षक, छह आरक्षी, जनपद पौड़ी गढ़वाल से दो उपनिरीक्षक, छह आरक्षी, एसडीआरएफ से तीन उप निरीक्षक, एक मुख्य आरक्षी व 19 आरक्षी तथा जनपद से दस फार्मासिस्ट सहित कुल 60 कार्मिक अभियान में शामिल हैं.
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हर टीम को पर्याप्त मात्रा में कैम्पिंग टेंट, स्लीपिंग बैग, मैट्रेस, रसद सामग्री, आवश्यक सुरक्षा उपकरण, वायरलेस सेट, फोटो वीडियोग्राफी के लिए कैमरे उपलब्ध कराये गये हैं. सभी मार्गों पर चलाये जाने वाले खोजबीन अभियान को सफल व सार्थक बनाये जाने के लिए गूगल मैप का उपयोग किया जायेगा. मैप रीडिंग के लिए हर टीम के साथ एसडीआरएफ कार्मिक नियुक्त हैं. तीन कठिन मार्गों में जाने वाली टीमों के सहयोग के लिए स्थानीय स्तर पर गाइड व पोर्टरों की पर्याप्त व्यवस्था भी की गयी है.
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इन ट्रैक रूटों पर की जायेगी खोजबीन
- केदारनाथ से वासुकी ताल.
- गौरीकुण्ड से केदारनाथ एवं वर्तमान में उपयोग में लाये जा रहे मार्ग के आस-पास का क्षेत्र.
- कालीमठ से चैमासी होते हए रामबाड़ा.
- रामबाड़ा का ऊपरी क्षेत्र.
- जंगलचट्टी का ऊपरी क्षेत्र.
- केदारनाथ बेस कैम्प का ऊपरी क्षेत्र.
- केदारनाथ मन्दिर के आसपास.
- गौरीकुण्ड से गोऊंमुखड़ा.
- केदारनाथ से चैराबाड़ी एवं आसपास का क्षेत्र.
- त्रियुगीनारायण से गरुड़चट्टी होते हुए केदारनाथ.
- गौरीकुण्ड से मुनकटिया का ऊपरी क्षेत्र होते हुए सोनप्रयाग.
आईजी गढ़वाल ने दिए निर्देश
वहीं, गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार ने इस मामले में एसपी रुद्रप्रयाग को दिशा निर्देश दिए हैं. उत्तराखंड शासन के निर्णय पर बनी कमेटी ने एक बार फिर केदारनाथ त्रासदी में लापता हुए लोगों के मानव कंकाल खोजबीन करने का अभियान शुरू कर दिया है. इस संबंध में बुधवार शासन में पुलिस एवं आपदा प्रबंधन सहित अन्य संबंधित अधिकारियों की कमेटी ने इस संदर्भ में मीटिंग की और रुद्रप्रयाग पुलिस को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए.