रुद्रप्रयाग: 13 जुलाई को केदारनाथ दर्शन के बाद से लापता हुए चार यात्रियों को एसडीआरएफ और स्थानीय गाइडों की टीम ने चौथे दिन सकुशल ढूंढ लिया है. फिलहाल इन चारों यात्रियों को सोनप्रयाग लाया गया है. जहां इन चारों यात्रियों ने बताया कि वो बाबा केदार के दर्शन के बाद वे वासुकीताल-त्रियुगीनारायण ट्रैक पर निकल गये थे. घना कोहरा होने के कारण वे रास्ता भटक गये.
रेस्क्यू किये गये इन चारों यात्रियों ने बताया कि वो चार दिन तक लगातार जंगल में रास्ता खोजते रहे लेकिन उन्हें सही रास्ता नहीं मिला. उन्होंने बताया कि इन चार दिनों में उन्हें भूख-प्यास का सामना भी करना पड़ा. उन्होंने बताया कि इन चार दिनों में उन्होंने गुफाओं में रात बिताई. दिन निकलने के साथ ही वे नदी के किनारे-किनारे चलते हुए रास्ता ढूंढने का प्रयास करते रहे.
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वहीं, चार यात्रियों के लापता होने के बाद से ही पुलिस प्रशासन लगातार मुस्तैदी से इनकी सकुशल वापसी के लिए कोशिशें कर रहा था. इनके सर्च ऑपरेशन के लिये पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय गाइड की पांच टीमें बनाई गई थी, जो चार दिनों तक जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाती रही. इस बीच हेलीकाप्टर से भी खोजबीन का काम किया जाता रहा.
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गुरुवार को एक यात्री की फोन पर सोनप्रयाग थाने में बातचीत हुई, जिसमें उसने अपनी लोकेशन बताई. जिसके बाद चारों यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू किया गया. यात्रियों को सर्च करने गई टीमों को भी तीन रातें जंगल में गुजारनी पड़ी.
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दरअसल, देहरादून और नैनीताल जिले के चार यात्री केदारनाथ धाम के दर्शन करने के बाद 13 जुलाई को वासुकीताल के लिये रवाना हो गये थे. वासुकीताल से इन्हें शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण तक पैदल ट्रैक करके आना था. मगर, जंगल में घना कोहरा होने के कारण ये सभी रास्ता भटक गये. जिसके बाद इनके ही एक साथी ने सोनप्रयाग थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद इन्हें ढूंढने की कवायद तेज की गई.