रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में ड्यूटी देने से अधिकारी कतरा रहे हैं और बार-बार मेडिकल लेकर घर पर छुट्टियां काट रहे हैं. ऐसे में जिलाधिकारी वंदना सिंह कड़ा रूख अपनाते हुए ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रही हैं.
बता दें, रुद्रप्रयाग के अधिकारी केदारनाथ में ड्यूटी देने से इनकार तो नहीं कर रहे हैं, लेकिन जाने को भी तैयार नहीं है. ऐसे में अधिकारी ड्यूटी लगने पर मेडिकल लेकर छुट्टी पर जा रहे हैं. एसडीएम ऊखीमठ वरुण अग्रवाल सितंबर प्रथम सप्ताह में मेडिकल लेकर घर चले गए थे, तब से लेकर अभी तक वे वापस ड्यूटी पर नहीं लौटे हैं. एसडीएम के बार-बार मेडिकल लीव लेने से ऊखीमठ तहसील में कार्य रूके पड़े हुए हैं. इसके साथ ही केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो में भी देरी हो रही है.
बताया जा रहा है कि एसडीएम साबह दो माह से गायब हैं, जिस कारण तहसील में फाइलों का अंबार लगा हुआ है, जिसकी वजह से स्थानीय जनता परेशान है और डीएम से एसडीएम के ट्रांसफर की मांग की है. एसडीएम वरुण अग्रवाल ने ड्यूटी से बचने के लिए तीन बार मेडिकल लीव ले चुके हैं. ये पहली बार नहीं है. इससे पूर्व भी वह डीएम द्वारा केदारनाथ भेजने पर बीमारी का बहाना बना चुके हैं, जिसकी शिकायत पर पूर्व में डीएम ने मेडिकल बोर्ड बैठाकर उनकी बिमारी की जांच करवायी थी, जिसमें तब एसडीएम वरूण अग्रवाल स्वस्थ पाए गए थे.
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बता दें कि बीते वर्ष जून माह में केदारनाथ में तैनात एसडीएम गौरव चटवाल ने त्याग पत्र दे दिया था. तब पूरे प्रदेश में हंगामा हो गया था. वहीं, इस मामले में डीएम वंदना सिंह ने कहा है कि एसडीएम की मेडिकल को सीएमओ को जांच के लिए भेज दिया गया है और शासन से केदारनाथ के लिए स्थायी एसडीएम की मांग की गई है.