रुद्रप्रयाग: केदारनाथ ड्यूटी से त्यागपत्र देने के बाद सुर्खियों में आए डिप्टी कलक्टर गौरव चटवाल मामले में नई बाद सामने आई है. उन्होंने जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि केदारनाथ में अत्यधिक ठंड होने से वे मानसिक तौर पर अस्वस्थ हो गये थे और आकस्मिक छुट्टी का प्रार्थना पत्र लिखने की जगह उन्होंने गलती से त्याग पत्र लिख दिया.
दरअसल, केदारनाथ में तैनात एसडीएम और यात्रा मजिस्ट्रेट गौरव चटवाल धाम में फैली अव्यवस्थाओं से परेशान होकर 31 मई को केदारनाथ छोड़ कर चले गये थे. उन्होंने धाम छोड़ने से पहले जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को बताना भी उचित नहीं समझा था. एसडीएम चटवाल ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक के नाम लिखा त्याग पत्र जिलाधिकारी को भेजा था और धाम को छोड़कर सीधे अपने घर चले गये थे.
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मामला मीडिया में आने के बाद शासन स्तर पर हलचल तेज हो गई. अब इस मामले में नया मोड़ आया है. गौरव चटवाल ने डीएम मंगेश घिल्डियाल को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनका 13 मई को जनपद नैनीताल से रुद्रप्रयाग ट्रांसफर हुआ था. शासन के आदेश पर 16 मई को रुद्रप्रयाग आए और 17 मई को केदारनाथ में तैनात हुए थे.
उन्होंने आगे लिखा कि केदारनाथ में अधिक ठंड और प्रतिकूल मौसम के कारण उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था, जिस कारण उन्होंने गलती से 31 मई को आकस्मिक लीव प्रार्थना पत्र देने के स्थान पर त्याग पत्र लिख दिया. उन्होंने बताया कि उपचार के लिए अपने परिवार के पास आ गए हैं. जहां से वे परिवार के साथ इलाज के लिए गए. डॉक्टरों ने उन्हें एक हफ्ता आराम करने के लिए कहा है.
तीन मई को लिखे पत्र में डिप्टी कलक्टर ने एक सप्ताह के अवकाश की डीएम से अनुमति मांगी है. इस प्रकरण में फिलहाल डीएम कुछ भी कहने से बच रहे हैं. वहीं सूत्रों के अनुसार सरकार इसे गंभीरता से ले रही है और सभी जरूरी कदमों को लेकर विचार कर रही है.