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रुद्रप्रयाग: घर लौटे प्रवासियों ने पेश की मिसाल, स्वरोजगार अपनाकर लोगों को भी दे रहे रोजगार

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते घर लौटे प्रवासियों ने अब आत्मनिर्भर बन कर मिशाल पेश कर रहे है. इसी कड़ी में जिले के बुढना गांव के रुपेश गहरवार और परवेंद्र सिंह राणा ने गांव के बाजार में हवाई चप्पल बनाने की मैनवल हाइड्रोलिक मशीन लगाई है. जिससे वे खुद तो आत्मनिर्भर हो रहे है, साथ ही अन्य युवकों को भी रोजगार दे रहे है.

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हवाई चप्पल बनाने की मशीन लगाकर लोगों को दे रहे हैं रोजगार
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Published : Oct 3, 2020, 6:48 PM IST

रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली के बुढ़ना गांव के रुपेश गहरवार और परवेंद्र सिंह राणा ने गांव के बाजार में हवाई चप्पल बनाने की मैनवल हाइड्रोलिक मशीन लगाई है. बीस दिनों से लोगों को फैशन के हिसाब से हवाई चप्पलें मिल रही हैं, साथ ही उन्होंने एक अन्य स्थानीय युवक को भी रोजगार दिया है.

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रुपेश व परवेंद्र ने मशीनों से तैयार की हवाई चप्पल.

गौरतलब है कि दिल्ली और मुंबई में लगभग 12 वर्ष तक प्राइवेट कंपनियों में नौकरी के लॉकडाउन में मुंबई से गांव लौटे इन दोनों युवाओं ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार की मिसाल पेश की है. उन्होंने गांव में ही हवाई चप्पल निर्माण की सोचकर कुछ दिन पूर्व मैनवल हाइड्रोलिक मशीन खरीदकर बुढ़ना बाजार में किराए पर कमरा लेकर लगाया. मशीन का ट्रायल सफल होने के बाद बीते दो सप्ताह से नियमित रूप से चप्पलें बनाई जा रही हैं. अब, बुढ़ना में फुटवियर से जुड़ी प्रतिष्ठित कंपनियों की रबर सीट से हवाई चप्पल तैयार होती होगी.

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लोगों को भी दे रहे हैं रोजगार.

ये भी पढ़ें : कोरोना ने छीनी नौकरी तो योगेश ने गांव में शुरू की 'इंजीनियरिंग', बना डाला शानदार होम स्टे

रुपेश ने बताया कि कच्चा माल की नियमित उपलब्धता के लिए कंपनियों से संपर्क किया गया है. पांच सौ से अधिक चप्पल का कच्चा माल उपलब्ध है. मांग के अनुसार उचित दामों पर हवाई चप्पल उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता है. ग्राम प्रधान आरती देवी कहना है कि युवाओं का गांव में स्वरोजगार शुरू करना अन्य के लिए प्रेरणा है. क्षेपं सदस्य रचना देवी, बीरेंद्र राणा, जितेंद्र नैथाणी, भीम सिंह, जयपाल सिंह ने युवाओं के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें हरसंभव सहयोग किया जाएगा.

हर उम्र के लोगों के लिए बनेंगी चप्पल
युवाओं द्वारा लगाई गई मैनवल हाइड्रोलिक मशीन में तीन डाई लगी हैं. पहली डाई से एक वर्ष से 13 वर्ष तक के बच्चों के लिए, दूसरी डाई से 4 नंबर से 9 नंबर के पुरूष और तीसरी डाई से 3 नंबर से 9 नंबर तक महिलाओं की सिंपल और फैंसी हवाई चप्पल बनाई जा रही हैं.

रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली के बुढ़ना गांव के रुपेश गहरवार और परवेंद्र सिंह राणा ने गांव के बाजार में हवाई चप्पल बनाने की मैनवल हाइड्रोलिक मशीन लगाई है. बीस दिनों से लोगों को फैशन के हिसाब से हवाई चप्पलें मिल रही हैं, साथ ही उन्होंने एक अन्य स्थानीय युवक को भी रोजगार दिया है.

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रुपेश व परवेंद्र ने मशीनों से तैयार की हवाई चप्पल.

गौरतलब है कि दिल्ली और मुंबई में लगभग 12 वर्ष तक प्राइवेट कंपनियों में नौकरी के लॉकडाउन में मुंबई से गांव लौटे इन दोनों युवाओं ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार की मिसाल पेश की है. उन्होंने गांव में ही हवाई चप्पल निर्माण की सोचकर कुछ दिन पूर्व मैनवल हाइड्रोलिक मशीन खरीदकर बुढ़ना बाजार में किराए पर कमरा लेकर लगाया. मशीन का ट्रायल सफल होने के बाद बीते दो सप्ताह से नियमित रूप से चप्पलें बनाई जा रही हैं. अब, बुढ़ना में फुटवियर से जुड़ी प्रतिष्ठित कंपनियों की रबर सीट से हवाई चप्पल तैयार होती होगी.

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लोगों को भी दे रहे हैं रोजगार.

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रुपेश ने बताया कि कच्चा माल की नियमित उपलब्धता के लिए कंपनियों से संपर्क किया गया है. पांच सौ से अधिक चप्पल का कच्चा माल उपलब्ध है. मांग के अनुसार उचित दामों पर हवाई चप्पल उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता है. ग्राम प्रधान आरती देवी कहना है कि युवाओं का गांव में स्वरोजगार शुरू करना अन्य के लिए प्रेरणा है. क्षेपं सदस्य रचना देवी, बीरेंद्र राणा, जितेंद्र नैथाणी, भीम सिंह, जयपाल सिंह ने युवाओं के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें हरसंभव सहयोग किया जाएगा.

हर उम्र के लोगों के लिए बनेंगी चप्पल
युवाओं द्वारा लगाई गई मैनवल हाइड्रोलिक मशीन में तीन डाई लगी हैं. पहली डाई से एक वर्ष से 13 वर्ष तक के बच्चों के लिए, दूसरी डाई से 4 नंबर से 9 नंबर के पुरूष और तीसरी डाई से 3 नंबर से 9 नंबर तक महिलाओं की सिंपल और फैंसी हवाई चप्पल बनाई जा रही हैं.

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