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केदारधाम पैदल यात्रा मार्ग यात्रियों के लिए बना चुनौती, ग्लेशियरों के बीच से होकर गुजर रहे हैं श्रद्धालु

केदारधाम के दर्शन के लिए बनाया गया पैदल यात्रा मार्ग श्रद्धालुओं के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. यात्रा शुरू होने के कुछ ही दिनों में श्रद्धालुओं के चोटिल होने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. यहा तक की एक महिला श्रद्धालु की मौत भी हो चुकी है.

केदारधाम पैदल यात्रा मार्ग यात्रियों के लिए बना चुनौती.
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Published : May 12, 2019, 9:03 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा शुरू होते ही पैदल मार्ग श्रद्धालुओं की परेशानी का सबब बन गया है. इस बार पैदल मार्ग इतना खतरनाक है कि श्रद्धालुओं के लिए धाम के दर्शन कर सकुशल वापस लौटना किसी चुनौती से कम नहीं है. शनिवार को केदारनाथ से दर्शन कर लौट रही एक पंजाब की 29 वर्षीय महिला श्रद्धालु की हिमखंड के चपेट में आने से मौत हो गई. इसके अलावा लिनचौली में दो श्रद्धालु यात्रा के दौरान चोटिल भी हुए. इन बढ़ती घटनाओं को देखते हुए ग्लेशियरों पर प्रशासन ने अब अतिरिक्त जवान तैनात कर दिये हैं.

केदारधाम पैदल यात्रा मार्ग यात्रियों के लिए बना चुनौती

दरअसल, इस बार कैदारनाथ की यात्रा के पैदल मार्ग गौरीकुंड-केदार तक करीब 14 किलोमीटर यानी रामबाड़ा से केदारपुरी तक 5 बड़े ग्लेशियर हैं. इनमें से कुछ की ऊंचाई 15 फीट तक है. केदारनाथ यात्रा की इस कठिन चढ़ाई की वजह से श्रद्धालु थकान के कारण आधे रास्ते में ही रुक रहे हैं, जिस वजह से रोज पैदल मार्ग में श्रद्धालुओं का अपने परिजन से बिछड़ने के मामले भी सामने आ रहे हैं.

पढ़ें- केदारनाथ धाम: हेलीकॉप्टर की गर्जना से गिर सकते हैं ग्लेशियर, SDRF को किया गया अलर्ट

शनिवार को भी बारिश होने के कारण एक महिला अपने परिजनों से बिछड़ गई थी, जिसके बाद SDRF के जवानों ने महिला को सकुशल परिजन से मिलवाया. वहीं, शनिवार रात 12 बजे कुछ यात्री थकान के कारण आधे रास्ते में ही ठंड के कारण रुक गये थे, जिन्हें लिनचौली लाया गया. इसके अलावा कर्नाटक से आई एक महिला तीर्थ यात्री शनिवार को गंभीर बीमार हो गई, जिन्हें स्ट्रेचर के माध्यम से चिकित्सालय पहुंचाया गया.

क्यों है इस साल पैदल मार्ग खतरनाक
साल 2019 की यात्रा के लिए ग्लेशियर को काटकर बीच से रास्ता तैयार किया गया है. गर्मी के कारण ग्लेशियर लगातार पिघलकर टूट रहे हैं और मार्ग में कीचड़ भी हो रही है, जो श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है. यही कारण है कि हिमखंड के गिरने की वजह से पंजाब से आई एक श्रद्धालु की भी पैदल यात्रा के दौरान मौत हो गई. ग्लेशियर पिघलने और टूटने की वजह से बर्फ हटाने के लिए पीडब्ल्यूडी के वर्कर काम पर लगे हुए हैं. जनहानि होने के बाद अब प्रशासन ने अतिरिक्त जवानों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया है.

पढ़ें- अच्छी खबरः केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए सस्ती हुई हेली सेवा, 14 मई से हो सकती है उड़ान शुरू

घोड़ा-खच्चर संचालकों की दादागिरी
पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर संचालकों की दादागिरी भी देखने को मिल रही है. संचालक मनमर्जी से घोड़े-खच्चरों को हांक रहे हैं, जिस कारण यात्रियों के घोड़े-खच्चरों से नीचे गिरने के मामले भी सामने आए हैं. एक तीर्थ यात्री तो लिनचौली में खच्चर से गिरने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसे प्राथमिक उपचार के बाद कंडी से गौरीकुंड पहुंचाया गया. आने-जाने वाले घोड़े-खच्चर एक साथ पैदल मार्ग पर आवाजाही कर रहे हैं, जिससे पैदल चलने वाले यात्रियों को भी दिक्कतें आ रही हैं. पिछले यात्रा सीजन में भी इस प्रकार की समस्याएं सामने आई थीं.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा शुरू होते ही पैदल मार्ग श्रद्धालुओं की परेशानी का सबब बन गया है. इस बार पैदल मार्ग इतना खतरनाक है कि श्रद्धालुओं के लिए धाम के दर्शन कर सकुशल वापस लौटना किसी चुनौती से कम नहीं है. शनिवार को केदारनाथ से दर्शन कर लौट रही एक पंजाब की 29 वर्षीय महिला श्रद्धालु की हिमखंड के चपेट में आने से मौत हो गई. इसके अलावा लिनचौली में दो श्रद्धालु यात्रा के दौरान चोटिल भी हुए. इन बढ़ती घटनाओं को देखते हुए ग्लेशियरों पर प्रशासन ने अब अतिरिक्त जवान तैनात कर दिये हैं.

केदारधाम पैदल यात्रा मार्ग यात्रियों के लिए बना चुनौती

दरअसल, इस बार कैदारनाथ की यात्रा के पैदल मार्ग गौरीकुंड-केदार तक करीब 14 किलोमीटर यानी रामबाड़ा से केदारपुरी तक 5 बड़े ग्लेशियर हैं. इनमें से कुछ की ऊंचाई 15 फीट तक है. केदारनाथ यात्रा की इस कठिन चढ़ाई की वजह से श्रद्धालु थकान के कारण आधे रास्ते में ही रुक रहे हैं, जिस वजह से रोज पैदल मार्ग में श्रद्धालुओं का अपने परिजन से बिछड़ने के मामले भी सामने आ रहे हैं.

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शनिवार को भी बारिश होने के कारण एक महिला अपने परिजनों से बिछड़ गई थी, जिसके बाद SDRF के जवानों ने महिला को सकुशल परिजन से मिलवाया. वहीं, शनिवार रात 12 बजे कुछ यात्री थकान के कारण आधे रास्ते में ही ठंड के कारण रुक गये थे, जिन्हें लिनचौली लाया गया. इसके अलावा कर्नाटक से आई एक महिला तीर्थ यात्री शनिवार को गंभीर बीमार हो गई, जिन्हें स्ट्रेचर के माध्यम से चिकित्सालय पहुंचाया गया.

क्यों है इस साल पैदल मार्ग खतरनाक
साल 2019 की यात्रा के लिए ग्लेशियर को काटकर बीच से रास्ता तैयार किया गया है. गर्मी के कारण ग्लेशियर लगातार पिघलकर टूट रहे हैं और मार्ग में कीचड़ भी हो रही है, जो श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है. यही कारण है कि हिमखंड के गिरने की वजह से पंजाब से आई एक श्रद्धालु की भी पैदल यात्रा के दौरान मौत हो गई. ग्लेशियर पिघलने और टूटने की वजह से बर्फ हटाने के लिए पीडब्ल्यूडी के वर्कर काम पर लगे हुए हैं. जनहानि होने के बाद अब प्रशासन ने अतिरिक्त जवानों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया है.

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घोड़ा-खच्चर संचालकों की दादागिरी
पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर संचालकों की दादागिरी भी देखने को मिल रही है. संचालक मनमर्जी से घोड़े-खच्चरों को हांक रहे हैं, जिस कारण यात्रियों के घोड़े-खच्चरों से नीचे गिरने के मामले भी सामने आए हैं. एक तीर्थ यात्री तो लिनचौली में खच्चर से गिरने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसे प्राथमिक उपचार के बाद कंडी से गौरीकुंड पहुंचाया गया. आने-जाने वाले घोड़े-खच्चर एक साथ पैदल मार्ग पर आवाजाही कर रहे हैं, जिससे पैदल चलने वाले यात्रियों को भी दिक्कतें आ रही हैं. पिछले यात्रा सीजन में भी इस प्रकार की समस्याएं सामने आई थीं.

पैदल मार्ग पर यात्रियों को हो रही हैं परेशानियां
कई यात्री थकान के कारण हो रहे घायल तो कई घोड़े से गिरकर चोटिल

एंकर - केदारनाथ यात्रा शुरू होने के बाद पैदल मार्ग पर अपने परिजनों से बिछड़ने के मामले सामने आने लग गये हैं। शनिवार को बारिश होने के कारण एक महिला अपने परिजनों से बिछड़ गई थी। जिसके बाद एसडीआरएफ के जवानों ने महिला को सकुशल परिजनों से मिलवाया। जबकि शनिवार रात 12 बजे कुछ यात्री थकान के कारण आधे रास्ते में ही ठंड में रूक गये थे, जिन्हें लिनचैली लाया गया। 

केदारनाथ यात्रा शुरू होने के बाद पैदल मार्ग पर कई प्रकार की चुनौतियां सामने आ रही हैं। जहां कई यात्री अपने परिजनों से बिछड़ रहे हैं। वहीं कई यात्री चढ़ाई चढ़ते समय थक रहे हैं। शनिवार को 29 वर्षीय एक महिला यात्री की पत्थर लगने के कारण मौत हो गई थी। जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता की गई है। जगह-जगह ग्लेशियरों पर प्रशासन ने अब अतिरिक्त जवान भी तैनात किये हैं। लिनचैली में दो श्रद्धालु चोटिल भी हो गये थे। जिन्हें चिकित्सालय पहुंचाकर उनका उपचार किया गया। कर्नाटक से आई एक महिला तीर्थ यात्री जो की गंभीर बीमार हो गई थी। उस रात 12 बजे स्टे्रक्चर के माध्यम से चिकित्सालय पहुंचाया गया। 

वहीं दूसरी ओर घोड़े-खच्चर संचालकों की दादागिरी एक बार फिर से पैदल मार्ग पर सामने आ रही है। संचालक मनमर्जी से घोड़े-खच्चरों को हांक रहे हैं। जिस कारण यात्री घोड़े-खच्चरों से नीचे गिर रहे हैं। एक तीर्थ यात्री लिनचैली में खच्चर गिरने के बाद गंभीर घायल हो गया, जिसके बाद प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें कंडी से गौरीकुंड पहुंचाया गया। आने-जाने वाले घोड़े-खच्चर एक साथ पैदल मार्ग पर आवाजाही कर रहे हैं, जिससे पैदल चलने वाले यात्रियों को भी दिक्कतें आ रही हैं। पिछले साल भी इस प्रकार की समस्याएं सामने आई थी, लेकिन इन पर कोई रोक नहीं लग पा रही है। 

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