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'धरतीपुत्र' को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनेगा किसान उत्पादक संगठन, मिलेगा लाभ

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिलाधिकारी ने अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई.

rudraprayag
जिलाधिकारी ने ली बैठक.
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Published : Sep 2, 2020, 6:13 PM IST

रुद्रप्रयाग: किसानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें समृद्ध बनाने के लिए किसान उत्पादक संगठन बनाना जाएगा. किसान उत्पादक संगठन (कृषक उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह होगा, जो कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो और कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाएगा. एक समूह बनाकर कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवा सकते हैं. एफपीओ के गठन से आम किसानों को सीधा फायदा होगा.

जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी वंदना सिंह की अध्यक्षता में एफपीओ के सम्बंध में बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को जनपद में लाल धान व चौलाई के दो क्लस्टर बनाने के निर्देश दिए, जिसके तहत दो एफपीओ गठित होंगे. जिलाधिकारी ने बताया कि एफपीओ लघु व सीमांत किसानों का एक समूह होगा, जिससे उससे जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा.

पढ़ें- राज्य आंदोलनकारियों की जुबानी, खटीमा और मसूरी गोलीकांड की कहानी

सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति मिलेगी. अगर अकेला किसान अपनी पैदावार बेचने जाता है, तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है. एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, क्योंकि यहां बिचौलिए नहीं होंगे. साथ ही इससे किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ेगी. बैठक में डीडीएम नाबार्ड अभिनव कापड़ी ने ऐग्री इंफ्रा बिजनेस की जानकारी दी.

रुद्रप्रयाग: किसानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें समृद्ध बनाने के लिए किसान उत्पादक संगठन बनाना जाएगा. किसान उत्पादक संगठन (कृषक उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह होगा, जो कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो और कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाएगा. एक समूह बनाकर कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवा सकते हैं. एफपीओ के गठन से आम किसानों को सीधा फायदा होगा.

जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी वंदना सिंह की अध्यक्षता में एफपीओ के सम्बंध में बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को जनपद में लाल धान व चौलाई के दो क्लस्टर बनाने के निर्देश दिए, जिसके तहत दो एफपीओ गठित होंगे. जिलाधिकारी ने बताया कि एफपीओ लघु व सीमांत किसानों का एक समूह होगा, जिससे उससे जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा.

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सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति मिलेगी. अगर अकेला किसान अपनी पैदावार बेचने जाता है, तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है. एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, क्योंकि यहां बिचौलिए नहीं होंगे. साथ ही इससे किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ेगी. बैठक में डीडीएम नाबार्ड अभिनव कापड़ी ने ऐग्री इंफ्रा बिजनेस की जानकारी दी.

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