रुद्रप्रयागः लंबे अरसे के बाद केदारनाथ हाईवे पर संगम बाजार स्थित सुरंग का ट्रीटमेंट होने जा रहा है. उम्मीद है कि एक हफ्ते बाद हाईवे पर स्थित सुरंग का ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा. इसके लिए जियोलॉजिकल की टीम को भी बुलाया गया है, जो सुरंग के ट्रीटमेंट को सही तरीके से करने का सुझाव देगी. सुरंग के ट्रीटमेंट को लेकर एनएच विभाग ने 45 दिन के लिए सुरंग से यातायात को रोकने की अनुमति मांगी है. सुरंग ट्रीटमेंट कार्य में करीब बीस लाख की धनराशि खर्च होगी.
दरअसल, गौरीकुंड हाईवे पर केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए साल 1960 में 67 मीटर सुरंग का निर्माण किया गया था. जो देखरेख के अभाव में जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी है. सुरंग दोनों ओर से कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त है. सुरंग पर लगाई गई सीमेंट की ईटें भी टूट रही हैं, जिससे यहां से गुजरने वाले वाहनों को हर समय खतरा बना रहता है. सुरंग के भीतर जहां कई लोग चोटिल तो कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. बारिश होने पर सुरंग तालाब में तब्दील हो जाती है, हालांकि, कई बार सुरंग का ट्रीटमेंट किया गया, लेकिन कामगार साबित नहीं हो पाया.
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अब प्रशासन और एनएच ने आखिरकार सुरंग की जर्जर हालात की सुध ली है. एनएच की ओर से सुरंग के ट्रीटमेंट के लिए प्रशासन से 45 दिन तक यातायात व्यवस्था रोकने की मांग की है. मामले में डीएम जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि सुरंग के ट्रीटमेंट के लिए एनएच की डीपीआर को स्वीकृति मिल चुकी है. सुरंग के ट्रीटमेंट न होने की लगातार शिकायतें मिल रही थी. एक हफ्ते के भीतर सुरंग पर कार्य शुरू हो जाएगा.
ऑल वेदर रोड़ निर्माण कार्य में जुटी कंपनी के कार्यों से जनता परेशान
रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में बदरीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड़ के तहत निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्था के कार्यों से जनका काफी परेशान है. सड़क चौड़ीकरण से पैदल रास्ते जहां क्षतिग्रस्त हो गए हैं तो वहीं, बिजली और पेयजल लाइनें भी टूट गई हैं. नालियों का निर्माण न होने से गंदा पानी सड़क में आ रहा है और जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा नगर क्षेत्र के बीच बदरीनाथ हाईवे पर बने पुल की बुनियाद ही खोखली हो चुकी है. कार्यदायी संस्था मानकों के अनुरूप कार्य नहीं कर रही, जिससे जनता में कंपनी के खिलाफ आक्रोश है.