रुद्रप्रयाग: जिले के बच्छणस्यूं पट्टी के अंतर्गत कई गांवों को जोड़ने वाले लिंक मोटरमार्ग जानलेवा बने हुए हैं. स्थिति यह है कि मोटरमार्गों पर आवाजाही करते समय कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इसके अलावा एक समय में एक ही वाहन मोटरमार्ग पर आवाजाही कर रहे हैं. बरसाती सीजन में मोटरमार्ग पर जगह-जगह आये मलबे को अभी तक साफ नहीं किया गया है, जिस कारण खतरा अधिक बढ़ गया है. कुछ साल पहले ही मोटरमार्ग पर किये गये डामर का कुछ पता नहीं है. डामर जगह-जगह पूर्ण रूप से उखड़ चुका है और मोटरमार्ग बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुका है.
बता दें, बच्छणस्यूं क्षेत्र के सैकड़ों गावों को जोड़ने वाले लिंक मोटरमार्गों की हालत बद से बदतर बनी हुई है. खांखरा-खेड़ाखाल, कांडई-कमोल्डी, स्यूणी-टेंटी-पाटा, कमोल्डी-मोल्खाखाल, खांखरा-छांतीखाल-खेड़ाखाल सहित अन्य मोटरमार्गों पर ग्रामीण जनता जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. मोटरमार्गों की इतनी बदहाल स्थिति है कि कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कार्यदायी संस्थाओं की ओर से मोटरमार्गो की बदहाल स्थिति को नहीं सुधारा जा रहा है. मोटरमार्गों पर बिछाया डामर भी पूरी तरह से उखड़ गया है. जिला पंचायत सदस्य नरेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि बच्छणस्यूं पट्टी को जोड़ने वाले लिंक मोटरमार्ग बदहाल दौर से गुजर रहे है. सांसद, विधायक और कार्यदायी संस्थाएं मोटरमार्ग की दर्दुशा पर चुप्पी साधे हुए हैं.
लिंक मोटरमार्गों पर सफर करते समय किसी के साथ भी घटना घट सकती है. दोपहिया वाहन तक ले जाने लायक मोटरमार्ग नहीं हैं. बिष्ट ने कहा कि लोक निर्माण विभाग सहित जिलाधिकारी को मोटरमार्ग की बदहाल स्थिति से अवगत करा दिया गया है. शीघ्र ही मोटरमार्ग का सुधारीकरण नहीं किया गया तो आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिये मजबूर होना पड़ेगा.
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वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस ने कहा कि मोटरमार्ग की स्थिति से विभाग अवगत है. मोटरमार्ग पर डंपिंग जोन की भी समस्या है, फिर भी मोटरमार्ग का सुधारीकरण का कार्य जारी है. उन्होंने कहा कि मोटरमार्ग पर पड़े मलबे को साफ करने में ग्रामीणों का सहयोग नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में स्थिति काफी नाजुक बनी है. जल्द ही मलबे को हटाये जाने को लेकर काम होंगे.