रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में अव्यवस्थाएं हावी होने से अधिकारियों ने ड्यूटी करने से हाथ खड़े कर दिये हैं. धाम में तैनाती के केवल 15 दिन बाद ही एसडीएम और यात्रा मजिस्ट्रेट गौरव चटवाल ने इस्तीफा सौंप दिया है. बताया जा रहा है कि गौरव चटवाल धाम में फैली अव्यवस्थाओं से परेशान होकर गये हैं. उन्होंने धाम छोड़ने से पहले डीएम मंगेश घिल्डियाल को भी जानकारी नहीं दी.
जानकारी के अनुसार एसडीएम चटवाल ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक के नाम त्याग पत्र जिलाधिकारी को भेजा, जिसमें उन्होंने साफ-साफ लिखा है कि वे केदारधाम में कार्य करने में असमर्थ हैं और धाम को छोड़कर अपने घर जा रहे हैं. प्रशासन की ओर से मामले को छिपाने की काफी कोशिश की जा रही थी. रुड़की निवासी एसडीएम चटवाल ने 17 मई को धाम में सेवाएं देनी शुरू की थी. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भ्रमण कार्यक्रम को लेकर यात्रा मजिस्ट्रेट के रूप में ड्यूटी की थी.
कुल मिलाकर देखा जाए तो धाम में अव्यवस्थाओं के चलते अधिकारी खासे परेशान बताये जा रहे हैं. आये दिन यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. 20 से 22 हजार के करीब तीर्थयात्री प्रतिदिन धाम पहुंच रहे हैं. धाम में रहने व खाने से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को जुटाने के बजाय अधिकारी अपने कर्तव्यों से दूर हो रहे हैं. ऐसे में धाम में व्यवस्थाओं को जुटाना मुश्किल हो रहा है.
वहीं अधिकारियों के ड्यूटी से भागने के मामले को विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है. विपक्ष का कहना है कि सरकार चारधामों में व्यवस्थाएं जुटाने में नाकाम साबित हो रही है. पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस वरिष्ठ नेता मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि बीजेपी सरकार में आम जनता परेशान है. चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि पेयजल, शौचालय, बिजली और पानी तक के लिए तीर्थयात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है. वहीं सड़कों पर घंटों जाम की स्थिति बनी हुई है. इन सब से यात्रियों के साथ-साथ अधिकारी भी परेशान हो रहे हैं.